ताइवान ने कहा, चौबीस घंटे में चीन के 103 विमानों ने उसकी तरफ उड़ान भरी

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ताइवान पर हक जताता चीन

ताइवान एक स्वशासित द्वीप है, जिस पर चीन अपना दावा जताता है। चीन ने ताइवान और अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच द्वीप के आसपास हवा और पानी में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए हैं, जिसे कुछ देश उकसावे भरी कार्रवाई के रूप में देखते हैं। अमेरिका ताइवान का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है और वह ताइवान की स्थिति को बलपूर्वक बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार सुबह से सोमवार तड़के के बीच द्वीप की तरफ उड़ान भरने वाले 40 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान और मुख्य भूमि चीन के बीच प्रतीकात्मक मध्य रेखा को पार किया।

वॉरशिप भी रवाना

मंत्रालय के अनुसार चीन ने चौबीस घंटे की अवधि में द्वीप की तरफ नौ नौसैनिक पोत भी भेजे। मंत्रालय ने चीन की सैन्य कार्रवाई को ‘उत्पीड़न’ करार दिया। उसने चेताया कि इससे क्षेत्र में पहले से ही व्याप्त तनाव में और इजाफा हो सकता है।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम बीजिंग के अधिकारियों से जिम्मेदारी लेने और इस तरह की विनाशकारी सैन्य गतिविधियों को तुरंत रोकने का आग्रह करते हैं।’ चीन ने पिछले हफ्ते ताइवान के पास जल क्षेत्र में विमानवाहक पोत शेदॉन्ग सहित जहाजों का एक बेड़ा भेजा था। यह कदम अमेरिका और कनाडा के ताइवान जलडमरूमध्य के रास्ते युद्ध पोत रवाना करने के तुरंत बाद उठाया गया था।

क्‍यों भड़का है चीन

ताइवान जलडमरूमध्य ताइवान को मुख्य भूमि चीन से अलग करता है। चीन ने ताइवान के पास स्थित अपने फुजियान प्रांत में एक एकीकृत विकास प्रदर्शन क्षेत्र की स्थापना संबंधी योजना से भी पर्दा उठाया था, जिसे विशेषज्ञों ने द्वीप को लुभाने के साथ-साथ उसे चेतावनी देने की कोशिश बताया था। चीन की हालिया कार्रवाई ताइवान में अगले साल जनवरी में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास हो सकता है।

सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, जो द्वीप की औपचारिक स्वतंत्रता की पक्षधर है, चीन सरकार के खिलाफ मुखर रही है। इसके चलते चीन विपक्षी उम्मीदवारों का समर्थन करता है, जो उसके साथ काम करने की वकालत करते हैं।

Compiled: up18 News