मिट्टी में मिलते जा रहे, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के अरमान

मिट्टी के बर्तन बनाने के अलावा इनके पास और कोई दूसरा रोजगार नहीं है, न ही कृषि करने के लिए इनके पास भूमि है। और न अन्य साधन, जिससे आय का आवक हो पाए। यह जैसे-तैसे करके अपने परिवार को पाल रहे हैं। मौजूदा दौर में एल्युमीनियम, थर्माकोल व प्लास्टिक बर्तनों का खूब चलन चला […]

Continue Reading

भ्रष्टाचार और पेपर लीक की आग की लपटों में झुलसते छात्र

भारत की शिक्षा प्रणाली एक भयानक तूफान के चपेट में आ बैठी है। एक ऐसा तूफान, जो धूल-मिट्टी के रूप में अपने साथ भ्रष्टाचार और पेपर लीक का बवंडर साथ लिए चल रहा है। एक ऐसा तूफान, जो अनगिनत छात्रों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को निगलता ही चला जा रहा है। इन तमाम सुर्खियों और […]

Continue Reading

बाबाओं के मायाजाल में फंसती भीड़: इनके पीछे जनता के भागने का क्या है अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान ?

आजकल विभिन्न सामाजिक वर्गों में अलग-अलग िकस्म के अंधविश्वास प्रचलित हैं। इतने जागरूकता अभियानों के बावजूद आज भी आपको गांव-कस्बों में भूत-प्रेत के िकस्से सुनने को मिल जाएंगे। वहीं हायर क्लास के अंधविश्वास अलग हैं। इस क्लास में भी असुरक्षा की भावना कम नहीं है। इस वर्ग के लोग यूं तो अत्याधुनिक होने का दावा […]

Continue Reading

वैश्विक सुर्खियों में हैं जातीय संघर्ष में ‘सुलगता’ मणिपुर..

बीते दो-तीन महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष लगातार जारी है। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, इस राज्य का जातीय हिंसा से पुराना नाता रहा है, और इसी जातीय गुटबंदी का परिणाम रहा है कि कुकी-नागा, मैतेई- पंगाल मुस्लिम, कुकी-कार्बी, हमार-दिमासा, कुकी-तमिल, और व्यापारियों के विरुद्ध हुई संघर्ष को यहाँ […]

Continue Reading

भाजपा में हठ …..तो क्या योगी चले जायेंगे मठ?

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उत्तर प्रदेश में जो फजीहत हुई है, उसका ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ने की राजनीति के चलते राज्य में बीजेपी नेताओं के बीच आपसी वैमस्यता और गुटबाजी बढ़ती जा रही है। गुटबाजी का आलम यह है कि यह किसी एक स्तर पर नहीं, नीचे से लेकर ऊपर तक तो दिखाई […]

Continue Reading

‘न्यू इंडिया’ को ‘स्वस्थ भारत’ में बदलेंगे आयुर्वेद और योग

आयुर्वेद और योग ने प्राचीन भारतीय विज्ञान के रूप में 5000 साल पहले अपनी यात्रा शुरू की थी। जबकि सिद्ध दक्षिण भारत में लोकप्रिय दवाओं की प्राचीन प्रणालियों में से एक है, यूनानी, चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली की उत्पत्ति प्राचीन ग्रीस में हुई है। आयुष अपने नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा देखभाल […]

Continue Reading

भीषण गर्मी से खुला काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों ?

भारत में हाल ही में आई भीषण गर्मी से डेली वर्कर्स, विशेषकर डिलीवरी कर्मियों, ईंट-भट्ठों पर काम करने वालों और दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए कामकाजी परिस्थितियां गंभीर हो गई हैं। भीषण गर्मी ने खुला काम करने वाले वर्कर्स के लिए कठोर कार्य स्थितियों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। इस भीषण […]

Continue Reading

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस: वृद्धा आश्रम में रह रहे इन बुजुर्गों का आखिर कसूर क्या है?

आज विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस है। हर साल 15 जून को विश्व स्तर पर इसे मनाया जाता है जिसका उद्देश्य बुजुर्ग लोगों के साथ दुर्व्यवहार और पीड़ा के विरोध में आवाज उठाना है। इसके प्रति लोगों को जागरुक कर बुजुर्गों के प्रति उनकी सोच बदलनी है जिससे बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार और उनकी उपेक्षा […]

Continue Reading

छात्रों में तनाव और चिंता का कारण बनती प्रश्नपत्र लीक होने की बढ़ती घटनाएं

यह दुर्भाग्य की बात है कि शिक्षा क्षेत्र की कई समस्याओं के समाधान की कोई राह नहीं दिख रही है। इन्हीं में से एक है प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां किसी न किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों में न रहता हो। […]

Continue Reading

मौसम नहीं है मेहरबान: सिर्फ छह महीने में हज़ारों की गई जान, 41 अरब डॉलर का नुकसान

अंतरराष्ट्रीय विकास संस्था क्रिश्चियन एड की एक ताजा रिपोर्ट ने जलवायु संकट की विभीषिका को उजागर किया है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह महीनों में ही चरम मौसमी घटनाओं ने दुनियाभर में 41 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, साथ ही 2,500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. ये आंकड़े […]

Continue Reading