अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस: देखभाल, स्नेह और निस्वार्थ सेवा की मिसाल

नर्सें मानवता की अदृश्य नायिकाएं हैं, जो जीवन की हर कठिनाई में निस्वार्थ सेवा करती हैं। उनका कार्य न केवल शारीरिक देखभाल, बल्कि मानसिक सहारा देना भी है। कोविड-19 जैसी महामारियों से लेकर सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं तक, नर्सें हमेशा अग्रिम मोर्चे पर खड़ी रहती हैं। उनकी भूमिका हमारे समाज के स्वास्थ्य और मानवीयता की नींव […]

Continue Reading

संघर्ष विराम: फिर आएगा गौरी…इतिहास के पन्नों से वर्तमान तक का सबक

क्या पाकिस्तान के साथ भी हम वही भूल दोहरा रहे हैं? आज़ादी के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई बार समझौते और संघर्षविराम की कोशिशें की हैं, लेकिन पाकिस्तान की नीतियाँ और उसके आक्रमणों का कोई अंत नहीं आया। यह वही गलती है, जो पृथ्वीराज चौहान ने की थी। पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी […]

Continue Reading

युद्ध से युद्धविराम तक: भारत-पाक रिश्तों की बदलती तस्वीर

10 मई 2025 को, भारत और पाकिस्तान ने एक पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की, जो हाल के वर्षों में सबसे गंभीर संघर्ष के बाद हुआ। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सैन्य तनाव बढ़ा था। अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद, दोनों देशों […]

Continue Reading

पेआउट पत्रकारिता: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?

सोशल मीडिया पर ‘पेआउट’ लेकर भारत को बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं। IT एक्ट 2000 और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 के तहत सरकार ने सख़्त रुख अपनाया है। अब देशविरोधी कंटेंट पर न तो चुप्पी होगी, न छूट। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अफवाह फैलाने और एजेंडा चलाने वालों पर कानूनी […]

Continue Reading

संकट का व्यापार: राशन कालाबाजारी पर सरकारी सख्ती, जमीनी हकीकत और खोखले वादे

राशन की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई के दावे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रहेंगे या जमीनी स्तर पर भी असर दिखाएंगे? इतिहास गवाह है कि संकट के समय महंगाई, जमाखोरी और भ्रष्टाचार बढ़ जाते हैं, और प्रशासनिक उदासीनता से हालात और बिगड़ते […]

Continue Reading

हर टास्क में सक्षम है हिन्द की सेना, Air Chief Marshal आरकेएस भदौरिया से खास बातचीत

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव का माहौल है. माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जैसी किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है. इस बीच, पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख Air Chief Marshal ने Ion Bharat के प्रेसिडेंट अभिषेक मेहरोत्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत […]

Continue Reading

सोशल मीडिया युग में करुणा की कैद: क्या किसी की भूख की तस्वीर लेना जरूरी है?

सोशल मीडिया के युग में भलाई और करुणा अब मौन संवेदनाएँ नहीं रहीं, वे कैमरे के फ्रेम में क़ैद होती जा रही हैं। आज अधिकांश मदद ‘लाइक्स’ और ‘फॉलोवर्स’ के लिए की जाती है, न कि सच्ची इंसानियत से। सहायता अब एक ‘कंटेंट’ बन चुकी है और ज़रूरतमंद की गरिमा अक्सर इस प्रदर्शन की भेंट […]

Continue Reading

“जब खबरें बनती हैं हथियार: युद्ध, प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज”

युद्ध के दौरान फैलाई गई झूठी खबरें न केवल सैनिकों और आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज में भय और नफरत का भी प्रसार करती हैं। यह न केवल जनता की भावनाओं को भड़काती है, बल्कि सच्चाई की नींव को भी कमजोर करती है। कई बार युद्ध के मैदान से […]

Continue Reading

सिंदूर की सौगंध: ‘एक था पाकिस्तान’ की गूंज, इतिहास के पन्नों में सिमटता सच

“एक था पाकिस्तान” – ये केवल तीन शब्द नहीं, बल्कि इतिहास की एक गहरी दास्तां है। यह उस विभाजन का प्रतीक है, जिसने दिलों को तोड़ा और घरों को उजाड़ा। लेकिन क्या हमें हमेशा इस नफरत के जाल में फंसे रहना चाहिए? हमें न केवल बाहरी दुश्मनों से, बल्कि अपने भीतर की नफरत से भी […]

Continue Reading

“देश के दुश्मन दो नहीं, अब तीन हैं: आर-पार की जंग और आधे मोर्चे की चुनौती”

“सीमाओं से परे: देश के भीतर पलते आधे मोर्चे की साज़िश” “तीसरा युद्धक्षेत्र: जब देश का दुश्मन भीतर होता है” भारत आज दो नहीं, तीन मोर्चों पर जूझ रहा है—बाहरी आतंक, सीमापार दुश्मन और भीतर छिपा ‘आधा मोर्चा’। पहलगाम आतंकी हमले ने जहां सुरक्षा पर सवाल उठाए, वहीं पंजाब-हरियाणा जल विवाद ने संघीय व्यवस्था को […]

Continue Reading