बज चुका है चुनावी बिगुल…देखना बाकी है की राजनीति में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है

पांच राज्यों में विधानसभा के लिए जनप्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करनी शुरू कर दी है। फरवरी से मतदान शुरू हो जाएगा और मार्च में परिणाम भी आ जाएंगे। कोरोना के कारण शोर जरा कम है पर सोशल मीडिया तथा ह्वाट्सऐप के माध्यम […]

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दुनिया बदलने की चिंता छोड़कर खुद में बदलाव करो..

“यह है तो कहानी, पर मैं शायद कुछ कम खुशकिस्मत हूं कि मैंने भी यह कहानी बुढ़ापे में आकर सुनी है। काश, मैं इसे तब सुनता जब अभी मैं जवान था,” आज सवेरे सैर करते समय मेरे एक मित्र ने जब मुझे यह कहा तो मैं चौंक गया और उनकी कहानी सुनने की उत्सुकता जाग […]

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कोरोना ने इस एक सत्य की सच्चाई को पूरी शक्ति से किया साबित…

सन् 2021 में जीवित हम लोगों ने कुछ ऐसा देखा है जो इतिहास में कहीं दर्ज नहीं था। महामारियां पहले भी फैलती थीं लेकिन उनका कारण किसी देश को नहीं माना जाता था। हां, किसी बेबस महिला को डायन का नाम देकर इल्जाम उसके सिर मढ़ने की कवायद कई बार होती थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन […]

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लोकतंत्र में तंत्र हावी हो गया है और लोक गायब हो गया है

दीवाली आ रही है, यानी दीये, रोशनी, पटाखे, फुलझड़ियां, मिठाई और खुशी। पर्व का उत्सव। भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी। बुराई पर अच्छाई की जीत का अनूठा पर्व। इस दौरान पटाखों से प्रदूषण न हो, इस नीयत से चंडीगढ़ प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि चंडीगढ़ में पटाखों की बिक्री नहीं की […]

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“जिसकी जेब खाली, उसका क्या कर लेगा मवाली?”

मेरे पिता जी हरदम कहा करते थे – “जिसकी जेब खाली, उसका क्या कर लेगा मवाली?” गरीब आदमी के पास खोने को कुछ नहीं होता। लोग गरीबी को अभिशाप मानते हैं पर गरीबी में छुपा हुआ वरदान अगर नज़र आ जाए तो आदमी की किस्मत बदल जाती है। इसका और खुलासा करें, आइये इससे पहले […]

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हम कैसे सुनिश्चित करें कि हमारा हर फैसला लाभदायक ही हो…

जीवन के विभिन्न अवसरों पर हम सब कोई न कोई फैसला लेते हैं। कोई फैसला लाभदायक सिद्ध होता है और कोई फैसला हमें सालों-साल तंग करता रहता है। कोई फैसला इतना क्रांतिकारी होता है कि हमारा जीवन ही बदल जाता है। हर कोई चाहता है कि उसका हर फैसला सही हो और उसे खुशी, सफलता […]

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जब एक वीडियो ने शादी टूटने से बचा दी…

लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हम कई साधनों का सहारा लेते हैं। बातचीत, भाषण, चिट्ठी, ईमेल, वीडियो आदि। इन सब साधनों में अब सोशल मीडिया भी जुड़ गया है। व्यावसायिक संस्थान और सरकारें इसके लिए इन सब साधनों के अलावा विज्ञापन और जनसंपर्क का भी सहारा लेती हैं। पेशेवर बातचीत में विज्ञापन को […]

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सफलता और असफलता के बीच बस यही एक फर्क है…

जीवन बहुत आसान नहीं है। खासकर तब, जब हमें कोई राह न सूझ रही हो। मन चारों ओर भटक रहा हो और कोई रास्ता दिखाई न देता हो। जब हम स्वयं को विवश महसूस कर रहे हों तो लगता है कि हम उड़ सकते थे, लेकिन किसी ने हमारे पंख काट डाले हैं। जब हम […]

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आखिर ऐसा क्यों होता है ? क्यों हम अपने विचार नहीं बदल पाते जबकि नये तथ्य हमारे सामने हों

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेके गालब्रेथ ने एक बार कहा था कि अगर हमारे सामने कुछ ऐसे तथ्य हों जो हमारी स्थापित विचारधारा से अलग हों तो तथ्यों के बावजूद हमारी पहली कोशिश यह होती है कि हम अपने स्थापित विश्वासों को सही सिद्ध करने का प्रमाण ढूंढ़ने में जुट जाएं। यानी, हम तथ्य सामने होने पर […]

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ज्यादातर भारतीय “कर्स ऑफ नालेज”, यानी, ज्ञान के अभिशाप नामक रोग से ग्रसित हैं

पंजाब के एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए नामचीन बिजनेस गुरू शिव खेड़ा ने स्वीकार किया कि दो साल पहले तक उन्हें ईमेल करना नहीं आता था। सहायकों की टीम उनके काम निपटा देती थी। कोरोना काल में जब सारी दुनिया को लॉकडाउन से गुज़रना पड़ा, दफ्तर बंद हो गये और अपने […]

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