जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने बताया जीवन में सफलता पाने का मूल मंत्र

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आगरा । नेपाल केसरी, मानव मिलन संगठन के संस्थापक, जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि ईर्ष्या से बढ़ कर कोई बीमारी नहीं। इससे ही अनेक रोगों का जन्म होता है। सभी को खुश होता देखेंगे और उनकी खुशी में शामिल होंगे तो बहुत से रोगों से बचाव हो जाएगा।

न्यू राजामंडी स्थित जैन स्थानक में भक्तामर स्रोत अनुष्ठान में गुरुवार को जैन मुनि ने 45 वे श्लोक की आराधना की, जिसमें उत्तम स्वास्थ्य की विस्तृत की। चक्रवर्ती राजा सनत कुमार के जीवन में किस प्रकार शारीरिक संकट आते हैं और उनसे किस प्रकार बचाव होता है, उसकी विस्तृत व्याख्या की। जैन मुनि ने कहा कि रोग दो प्रकार के होते हैं, एक बाह्य और दूसरा आतंरिक। बाह्य रोग तो आसानी से ठीक हो सकता, लेकिन आंतरिक रोग यानि मानसिक रोग तो स्वयं सही करना पड़ता है। उसके लिए अपनी सोच को सकारात्मक रखना होगा। मानसिक स्थिति का शरीर पर बहुत प्रभाव पड़ता है। मानसिक रोगों से मुक्ति पाने के लिए तपस्या करनी पड़ी है, यानि मन को पवित्र और बलवान करना होता है। मन प्रबल होगा तो आत्मा भी मजबूत होगी।
जैन मुनि ने कहा कि शरीर तो रोगों का भंडार है, कब कौन सा रोग पैदा हो जाए, पता नहीं लगता। कोरोना के बारे में क्या कभी किसी ने सोचा था। उसका तो स्मरण करते ही रूप कांप उठती है। लेकिन इस रोग का जिन लोगों ने साहस के साथ सामना किया, वे बच गए। साहसी व्यक्ति से तो रोग, शोक और संकट दूर रहते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान से श्रद्धा उत्पन्न होती है। इसलिए श्रद्धा का भाव हमेशा रखना चाहिए।

जैन मुनि ने कहा कि जब तक जीवन में पुण्य उदय हैं, तब तक कोई संकट नहीं आता। जब हमारे जीवन में पापों का उदय होता है, तभी परेशानियां आना शुरू हो जाती हैं। जिसके जीवन में पवित्रता है, वही आत्मा में रमण करता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

प्रवचनों के बाद डॉक्टर मणिभद्र महाराज ने उपस्थित धर्मप्रेमियों को सूचित किया की शनिवार 8 अक्टूबर को श्री भक्तामर स्तोत्र सम्पुट अनुष्ठान का समापन होगा ,उसी दिन अंतर्राष्ट्रीय मानव मिलन के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र भी होगा जिसमें भाग लेने के लिए केवल नेपाल से ही 150 से अधिक श्रद्धालु आगरा आ रहे है। इसके साथ पूरे देश से लगभग 400 से अधिक मानव मिलन के सदस्य सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचेंगे। जिसके लिए एस एस जैन ट्रस्ट द्वारा सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। शनिवार सांय काल 6.30 बजे से एक भजन संध्या का आयोजन महावीर भवन में किया जा रहा है जिसमे पार्श्व गायिका जमुना शर्मा अपनी प्रस्तुतियां देंगी।

मानव मिलन संस्थापक नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में चल रही 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में गुरुवार को 45 वीं गाथा के जाप का लाभ नीलम , अनोना, सचिन दुग्गर, माया सुरेंद्र चपलावत, रुचिका राजीव चपलावत, मोनिका अतिन छाजेड़, डॉक्टर वीना मुन्ना बाबू पारेख, सरला संजय सुराना परिवार ने लिया। नवकार मंत्र जाप की आराधना सीमा जैन परिवार ने की।

गुरुवार की सभा में राजेश सकलेचा, नरेश चप्लावत, विवेक कुमार जैन, आदेश बुरड़, वैभव जैन, अजय जैन पूर्व पार्षद, इंद्रजीत आर्य पूर्व महापौर, संजीव जैन, संजय जैन, अनिल जैन, अर्पित जैन आदि उपस्थित थे।

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