प्रवचन: संप्रदाय होना गलत नहीं, सांप्रदायिकता है अनुचित: जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

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आगरा: जैन मुनि नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि संप्रदाय तो भगवान महावीर के युग में भी थे, लेकिन मतभेद नहीं था। संप्रदायों का होना गलत नहीं है, सांप्रदायिक होना अनुचित है।

राजामंडी के जैन स्थानक में भक्तामर स्रोत अनुष्ठान किया जा रहा है, जिसमें भक्ति की धारा प्रवाहित हो रही है। इस दौरान जैन मुनि ने भक्तामर स्रोत के 28 वें श्लोक की विस्तृत चर्चा की। कहा कि भगवान महावीर के समय में 363 संप्रदाय थे, जो अपने-अपने मतों का प्रचार करते और धर्म की प्रवाहना करते थे। उन्होंने कहा कि संप्रदायों का होना गलत नहीं है। सांप्रदायिक होना गलत है।

सांप्रदायिक होने का मतलब यह है कि तर्क-वितर्क देकर दूसरों के मत, संप्रदाय के बारे में घृणा फैलाना, उनके बारे में गलत-गलत बातें कहना।

जैन मुनि ने कहा कि आज भी लोगों को चिंता रहती है कि संप्रदाय बहुत है। जैन समाज में भी अलग-अलग मत हैं। उन्हें एकजुट होना चाहिए। एक हों या न हों, एक दूसरे में सद्भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर एक परम शिष्य गौशालक ने नियतिवाद संप्रदाय बना लिया था। उसमें बहुत अहंकार आ गया था कि मैं जो भी करुंगा, सही ही होगा। उसके अहंकार का भी भगवान महावीर ने शमन किया था।

मुनिवर ने कहा कि पहले तपस्वियों को सूचना देने के लिए देवता आते थे। अब नहीं आते। क्योंकि उपासना में पहले जैसा भाव नहीं रहा। श्रद्धा भावना कमजोर हो चुकी है। भगवान महावीर के समय में जो णमोकार मंत्र था, जो ग्रंथ या उपासना थी, वही आज है, लेकिन अब पहले जैसा भाव नहीं रहा। इसलिए अब पहले की तरह फल नहीं मिलता। अपने मन को पवित्र करो, भावनाएं शुद्ध रखो तो उपासना का फल अवश्य मिलेगा। जैन मुनि ने अक्रियावादी, क्रियावादी, अज्ञानवादी संप्रदायों की भी विस्तृत चर्चा की।

मानव मिलन संस्थापक नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में गुरुवार को 28 वीं गाथा का लाभ माया सुरेंद्र चपलावत, सुप्रिया संजीव चपलावत, राजेंद्र जैन,कृष्ण कुमार मंजू बंसल परिवार ने लिया। नवकार मंत्र जाप की आराधना शैलबाला राजेश सुराना एवम खुशबू श्रेयाश सुराना परिवार ने की।

शुक्रवार की धर्मसभा में देहली एवम मेरठ एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष अमन जैन अपने जन्मदिन पर 20 सहयोगियों के साथ गुरुदेव के दर्शनों के लिए पधारे थे।गुरुवार के अनुष्ठान में नरेश जैन, वैभव जैन,विवेक कुमार जैन,सुरेश सुराना ,सुलेखा सुराना,सुप्रिया जैन,संजय जैन,अंजली जैन,प्रीति सुराना, सचिन जैन,जितेंद्र सुराना आदि उपस्थित थे।

-up18news