सर्वाइकल पेन से छुटकारा पाने के लिए योग की ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया है बहुत फायदेमंद

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गर्दन में दर्द यान‍ि सर्वाइकल पेन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है सही पॉश्‍चर। एक ही पॉश्‍चर में ज्‍यादा देर तक रहने से बचें। इसके साथ ही गर्दन को सही रखने के लिए योग या एक्‍सरसाइज जरूर करें। सर्वाइकल पेन और सामान्‍य गर्दन दर्द की समस्या उन लोगों में ज्‍यादा देखने को मिलती है, जो लगातार एक स्‍थान पर बैठकर लिखने पढ़ने या अन्‍य काम में व्‍यस्‍त रहते हैं। इन कारणों से रीढ़ (Spine) की मांसपेशियां और नसें सख्‍त हो जाती हैं। इससे रक्‍तसंचार प्रभावित होने लगता है और दर्द की समस्‍या शुरू होने लगती है।

सर्वाइकल पेन से छुटकारा पाने के लिए योग की ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया बहुत फायदेमंद है। इसकी 3 प्रमुख क्रियाएं हैं, जिन्हें आप आसानी से पद्मासन या सुखासन में बैठकर कर सकते हैं।

ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया करने की विधि

पहली क्रिया: सबसे पहले आप किसी शांत जगह बैठ जाएं या खड़े रहकर भी इसे कर सकते हैं। अब अपनी गर्दन को पहले दांयी ओर फिर बांयी ओर घुमाएं, इस दौरान आपकी ठुड्डी कंधे के सीध में होनी चाहिए। इसे आप 10, 10 बार कर सकते हैं। जैसा कि आप वीडियो में देख सकते हैं।

दूसरी क्रिया: इसमें आपको पहले की अवस्‍था में ही रहना है और गर्दन को पहले नीचे छुकाना है और फिर ऊपर की ओर ले जाना है। नीचे आपको आपने पैर के अंगूठों को देखना है और ऊपर आसमान की ओर देखना है। हालांकि, जिनको सर्वाइकल की तकलीफ है वह सिर को नीचे या आगे की ओर न छुकाएं।

तीसरी क्रिया: इसमें आपको अपनी गर्दन पहले क्‍लॉकवाइस घुमाना है और फिर एंटी क्‍लॉकवाइस घुमाना है। अगर किसी को सर्वाइकल है तो उसे ऐसा करने के बजाए सिर्फ पीछे की तरफ ही घुमाना चाहिए।

ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया के फायदे

योग की ग्रीवा शक्ति विकासक क्रियाओं को करने के निम्‍नलिखित लाभ हैं:
गर्दन का दर्द दूर होता है।
टॉनसिल्स और थायरॉइड से छुटकारा।
डबल चिन की समस्याओं से निजात मिलती है।
इससे आपके सिर और गर्दन के आस-पास रक्‍त का संचार बेहतर होता है।