प्रवचन: बुझ नहीं सकती श्रद्धा, ज्ञान की ज्योतिः जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

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आगरा।नेपाल केसरी जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि जीवन में ज्योतियां भी कई प्रकार की होती है। रुई, बाती से बनी ज्योति तो हवा, आंधी, तूफान से बुझ सकती है, लेकिन कितने भी तूफान-बबंडर आ जाएं, आस्था, श्रद्धा, ज्ञान की ज्योति हमेशा जलती रहेगी।

राजामंडी के जैन स्थानक में आयोजित अनुष्ठान में महाराजश्री ने कहा धार्मिक अनुष्ठान व अन्य कार्यों में बाधाएं भी आती हैं, लेकिन साधक इससे कभी डिगते नहीं हैं। वाराणसी के सुरादेव श्रावक की चर्चा करते हुए जैन मुनि ने कहा कि उसने अपनी साधना को मजबूत किया। इस दौरान देवता भी उसकी साधना को बाधक बन कर आए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। उसे धमकी दी कि तेरे बेटों को समाप्त कर देंगे। तेरे शरीर में 16 प्रकार के महारोग हो जाएंगे। पत्नी भी बीमार हो जाएगी। सुरादेव ने अन्य सब सहन तो कर लिया, लेकिन पत्नी की बीमारी की बात सहन नहीं कर सका।, वह चीख पड़ा, तब पत्नी ने समझाया कि ये देवता आपकी परीक्षा ले रहे हैं। आप शांत रहिए। इस प्रकार सुरादेव श्रावक अपनी परीक्षा में उत्तीर्ण हो कर मोक्ष को प्राप्त हुआ।

जैन मुनि ने कहा कि बड़े-बड़े कष्ट आएं, लेकिन अपनी साधना को मजबूत रखिए। सहन करने की योग्यता व क्षमता हो तो व्यक्ति का कभी अनिष्ट नहीं हो सकता।

जैन मुनि का कहना था कि यदि जीवन में धर्म, श्रद्धा अटूट विश्वास की ज्योति जलती रहे तो कभी भी बुरे दिन नहीं आ सकते। यदि बुरा वक्त आ भी गया तो भगवान उसे सहन करने की शक्ति भी देंगे। इसलिए बुरे वक्त में विचलित नहीं होना चाहिए। सुमेरु पर्वत पर कितनी भी आंधियां आएं, तूफान आएं, लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ता। इसी प्रकार अपने जीवन को भी करना चाहिए।

एक अन्य प्रसंग के माध्यम से जैन मुनि ने शिक्षा दी कि परिवार में अटूट प्रेम हो तो वहां कभी समस्याएं नहीं आ सकती है। सभी संकट आसानी से टल जाते हैं। इसलिए परिवार में समसरसता भी धर्म क्रिया का भी एक भाव है।

नेपाल केसरी ,मानव मिलन संस्थापक डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में मंगलवार को सोलहवीं गाथा का लाभ शोभा राजीव, संजीव शुभ्रा आगरा स्टील एवम हेमलता प्रेमचंद चपलावत परिवार ने लिया।

नवकार मंत्र जाप की साधना अनीता चंदा बाबू एवम ऋतु रितेश छाजेड़ परिवार ने की। धर्म प्रभावना के अंतर्गत नीतू जैन, दयालबाग की 29 उपवास ,मधु जी बुरड़ की 21 आयंबिल एवम बालकिशन जैन, लोहामंडी की 31आयम्बिल के बाद 2 एकासने की तपस्या निरंतर जारी है।मंगलवार की धर्मसभा में पलिया,हरियाणा,मेरठ से आए श्रद्धालु उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन राजेश सकलेचा ने किया।

-up18news