OIC की आपात बैठक में हॉस्‍पिटल अटैक को युद्ध अपराध घोषित किया

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इजरायल के साथ देने वाले भी हैं गुनाहगार: ओआईसी

इस्लामिक सहयोग संगठन ने अपने बयान में उन देशों की भी आलोचना की है, जो इजरायल के समर्थन में हैं। 57 मुस्लिम देशों के संगठन ने इंटरनेशनल कम्युनिटी की भी फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ क्रूरता का समर्थन करने के लिए आलोचना की है। बयान में कहा गया है कि दुनिया के कई देश इजरायल पर दोहरा रवैया अपनाते हुए उसे छूट देते हैं और उसे एक कवर प्रदान करते हैं।

ओआईसी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ जघन्य युद्ध अपराधों के लिए इजरायली की जवाबदेही तय करें। ओआईसी ने युद्ध रोकने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी निंदा की है।

बैठक में फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने कहा, जिन देशों ने इस घातक युद्ध को छेड़ने के लिए इजरायल को छूट दी, हथियार उपलब्ध कराए और सैन्य बल भेजा। वे सभी इस युद्ध अपराध में साझीदार हैं।

सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि गाजा पर घेराबंदी हटाई जाए और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गाजा में फिलिस्तीनियों की रक्षा के लिए जिम्मेदार रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये समय मानवीय आपदा को रोकने के लिए गाजा को सहायता पहुंचाने का है।

ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा कि इजरायल को अमेरिका का खुला समर्थन मिल रहा है।

अब्दुल्लाहियन ने एक प्रेस वार्ता में इजरायल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले इस्लामी देशों से अपने राजदूतों को निष्कासित करने की भी अपील की। हालांकि ओआईसी के बयान में ये बात नहीं कही गई है।

इजरायल ने अस्पताल पर हमले को नकारा

गाजा के अल-अहली अरब हॉस्पिटल पर मंगलवार रात हुए रॉकेट अटैक में कम से कम 500 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल पर हमले की दुनियाभर में आलोचना हुई है। फिलीस्तीन और कई मुस्लिम देशों ने इसका सीधा आरोप इजराइल पर लगाया है।

दूसरी ओर इजराइल डिफेंस फोर्स ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि ये हमला फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद ग्रुप, पीआईजे ने किया है। इजरायल का दावा है कि पीआईजे ने गलती से रॉकेट गाजा के अस्पताल पर दाग दिया, जिसके नतीजे में बड़ी संख्या में लोगों की जानें गईं।

Compiled: up18 News