तीन चरणों का मतदान होते ही मोदी सरकार ने 100 दिनों का एजेंडा किया तैयार, टारगेट भी किया फिक्स

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देशभर में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। तीन चरणों के लिए मतदान पूरा हो चुका है। बीजेपी इस चुनाव में 400 पार का दावा कर रही है। इतना ही नहीं, मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा भी तैयार कर लिया है। मोदी सरकार 3.0 के शुरुआती 100 दिनों में नई सरकार के स्वरूप और इरादे को स्थापित करने के लिए 50 से 70 जरूरी गोल और सिफारिशें शामिल होने की उम्मीद है। इन सभी फैसलों को जरूरत के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी।

सरकार की लिस्ट में 75 से 80 प्लान

सूत्रों ने बताया कि हालांकि अभी लिस्ट में 75-80 प्लान और प्रस्ताव हैं, लेकिन इरादा इसे घटाकर 50 करने का है। लोकसभा 2024 के नतीजे आने में एक महीने से भी कम समय बचा है, सरकार अगले कार्यकाल के लिए नए गवर्निंग एजेंडे का मसौदा तैयार करने के अंतिम चरण में है। इसमें पहले 100 दिनों की योजना के साथ-साथ मध्यावधि और दीर्घकालिक एजेंडे भी शामिल होंगे।

चुनाव के नतीजों के बाद शुरू होगा इन योजनाओं पर काम

प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश के लिए उनकी 100 दिनों की योजना लगभग पूरी हो चुकी है और फैसले लेने में किसी भी देरी से बचने के लिए इसे 4 जून के तुरंत बाद शुरू किया जाएगा। पता चला है कि 100 दिवसीय एजेंडा की शॉर्टलिस्ट को प्रासंगिकता और तात्कालिकता के आधार पर भी बांटा जा रहा है। इन योजनाओं को तीन श्रेणियों में बांटा जा रहा है, ये ए, बी और सी हैं।

क्या हैं तीनों श्रेणियों के लक्ष्य?

1. श्रेणी ए के लक्ष्य सर्वोच्च प्राथमिकता वाले होते हैं और प्रधानमंत्री द्वारा पदभार ग्रहण करते ही इनकी घोषणा किए जाने की संभावना है।

इसके अलावा श्रेणी बी के लक्ष्यों की घोषणा केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों द्वारा पहले कुछ दिनों के भीतर की जाएगी।

2. अधिकारियों ने बताया कि श्रेणी सी के लक्ष्य दीर्घकालिक हैं, जिन्हें अगले 2- 3 सालों में लागू करने की योजना है।

3. इन उद्देश्यों पर विस्तार से विचार करने के लिए सरकार के उच्चतम स्तर पर अंतिम दौर की बैठकें चल रही हैं।

कौन तैयार कर रहा 100 दिन का प्लान?

कई मंत्रालयों के सचिव और सीनियर अधिकारी, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और नीति आयोग के साथ लगातार बैठके कर रहे हैं। ये सभी सरकार के लक्ष्यों तय करने में मदद कर रहे हैं। योजना के केन्द्र में सचिवों के 10 क्षेत्रीय समूह (एसजीओएस) हैं, जिनकी स्थापना फरवरी में मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा से एक महीने पहले की गई थी। दस एसजीओएस को जरूरी क्षेत्रों और विषयों में भविष्य के प्रशासन के लिए 100- दिवसीय योजना, मध्यावधि उद्देश्य और दीर्घकालिक लक्ष्य विकसित करने का काम सौंपा गया है।

10 एसजीओ के विषयों और क्षेत्रों में सुरक्षा और विदेशी मामले, बुनियादी ढांचा, वित्त और अर्थव्यवस्था, टेक्नॉलजी, ग्रामीण और कृषि, बुनियादी ढांचा, शासन, वाणिज्य और उद्योग, संसाधन, कल्याण और सामाजिक क्षेत्र शामिल हैं।

-एजेंसी