प्रवचन: धर्म ही जीवन का प्रमुख आधार- जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

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आगरा: राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि धर्म ही जीवन का प्रमुख आधार है, उसे हमेशा अपनाए रखना। वही जीवन को ऊंचाई पर ले जाएगा। सुख, समृद्धि और शांति का भी यही एक आधार है।

जैन मुनि का चातुर्मास न्यू राजामंडी के महावीर भवन में आयोजित किया गया। विधि-विधान के अनुसार उसका समापन कार्तिक पूर्णमासी को आज कर दिया गया। जैन संतों ने सभी को अपना आशीर्वाद दिया और सभी को शुभकामनाएं दीं। कलिकाल के सर्वज्ञ आचार्य हेमचंद्र का जन्म दिन भी आज ही था। उनकी चर्चा करते हुए जैन मुनि ने कहा कि आचार्य जी बहुत ही प्रतिभाशाली थे। पांच वर्ष की उम्र में ही वे आचार्य की गद्दी पर विराजमान हो गए थे। 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने सारे ग्रंथों को कंठस्थ कर लिया था। अपने जीवन काल में तीन करोड़ श्लोकों की रचना की, जिससे जैन साहित्य ही नहीं, भारतीय साहित्य भी समृद्ध हुआ था। एक बालक को उन्होंने बचपन में आशीर्वाद दिया कि तू राजा बनेगा। बड़ा होकर वह कुंवरपाल राजा बना और उन्होंने आचार्य हेमचंद को अपना राजगुरू बना लिया था।

जैन मुनि ने गुरुदेव लोकाशाह को भी उनके जन्म दिन पर नमन किया। कहा कि कंटकेश्वर देवी के मंदिर में रोजाना पशु बलि दी जाती थी। उन्होंने पशु बलि को बंद कराया था।

प्रवचन के अंत में जैन समाज के प्रतिष्ठितजनों जिनमे सुरेश जैन, वैभव जैन, सुमित्रा सुराना, महावीर प्रसाद जैन, राजीव चपलावत, अरहम जैन, संतोष जैन, नीतू जैन, शकुंतला चोरड़िया, मिनी, आयशा, रजनी, ( भजन), सुशील जैन, राजेश सकलेचा, आदेश बुरड़ ने अपने विचार व्यक्त किए और जैन मुनियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

मंगलवार की धर्मसभा में अशोक सुराना, सुरेश सुराना, रंजीत सुराना, नरेंद्र सिंह जैन, तेज बहादुर जैन, बिमल धारीवाल, विवेक कुमार जैन, सचिन जैन, सुलेखा सुराना, पूजा जैन, अंजली जैन सहित अनेक धर्म प्रेमी उपस्थित थे।

-up18news