यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली के कई रिहायशी इलाक़ों में अब पानी घुस गया है. आईटीओ, राजघाट और लाल किला प्रमुख जगहें और मार्ग भी इससे अछूते नहीं हैं. वहीं बाढ़ क्षेत्र के क़रीबी इलाक़े पूरी तरह डूब गए हैं. 23,000 से अधिक लोगों को राहत शिविर में शिफ़्ट किया गया है. बढ़ते जलस्तर के कारण शहर की मुख्य सड़कों को बंद कर दिया गया है.
दूसरी तरफ़ आवश्यक सामान ले जाने वाली ट्रकों को छोड़कर, सिंघू, बदरपुर, लोनी और चिल्ला सीमा चौकियों से आने वाले भारी माल वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
शैक्षणिक संस्थान रविवार तक बंद
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना की अध्यक्षता में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को रविवार तक बंद करने का फ़ैसला लिया है. वहीं अधिकांश सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है.
सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी एडवाइजरी जारी करने जा रही है.
जल आपूर्ति पर भी संकट
यमुना में बढ़ते पानी के स्तर के कारण राजधानी के बड़े क्षेत्र में जल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि बाढ़ के कारण शहर के तीन जल उपचार संयंत्र बंद हो गए हैं. जिससे पानी की आपूर्ति में 25% की गिरावट आएगी, और अगले एक या दो दिन के लिए कई क्षेत्रों में पानी की कमी होगी.
मौजूदा स्थिति को ”आपातकालीन” बताते हुए केजरीवाल ने नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और घर के अंदर रहने की अपील की है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक़ शुक्रवार सुबह 12 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.58 मीटर नोट किया गया है. गुरुवार को यह 208.66 मीटर पर था. शुक्रवार तक जलस्तर के और कम होने, यानी 208.45 मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है.
पीएम मोदी ने भी मांगी जानकारी
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फ़ोन कर दिल्ली के हालातों की जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि पीएम ने दिल्ली में बाढ़ और जलभराव की स्थिति और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूछा.
Compiled: up18 New