यूपी: भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द, कवाल कांड में हुई थी दो साल की सजा

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विधानसभा सचिवालय से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार सदस्यता दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर स्वतः समाप्त हो जाती है। विक्रम सैनी के मामले को परीक्षण के लिए न्याय विभाग को भेजा गया है। न्याय विभाग से स्पष्ट राय मांगी है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दो साल की सजा पर लागू होगा या दो साल से अधिक की सजा पर ही लागू होगा। विक्रम सैनी को दो साल की सजा हुई है। न्याय विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सीट रिक्त घोषित करने पर निर्णय किया जाएगा।

विक्रम सैनी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट से हुई दो साल की सजा के मामले में खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

कवाल कांड के बाद हुए झगड़े के मामले में विधायक विक्रम सैनी समेत 12 आरोपियों को अदालत ने 11 अक्तूबर को दो-दो साल कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। विधायक समेत सभी आरोपियों की जमानत अर्जी भी स्वीकृत हो गई थी। निचली अदालत के फैसले पर विधायक ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

विधायक के अधिवक्ता भारतवीर अहलावत ने बताया कि अपील दायर कर दी है, जल्द ही सुनवाई की तिथि तय हो जाएगी। उधर, जिला प्रशासन ने स्थानीय अदालत के फैसले की कॉपी भी शासन को भेज दी है। डीजीसी राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि डीएम ऑफिस के माध्यम से विधायक को सजा की कॉपी भेजी गई है।

24 दिन पहले आया था फैसला

मुजफ्फरनगर के कवाल में साल 2013 में दंगा हुआ था। इसमें उपद्रव और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप भाजपा विधायक विक्रम सैनी समेत 29 लोगों पर लगा था। इसका केस भी दर्ज किया गया था। इसकी सुनवाई मुजफ्फरनगर कोर्ट में मंगलवार को हुई। सुनवाई के दौरान एक आरोपित की मौत हो गई थी। कोर्ट ने मंगलवार को 12 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई । जबकि साक्ष्य के अभाव में 16 आरोपियों को बरी कर दिया गया। सजा 3 साल से कम थी, इसलिए विधायक विक्रम सैनी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई।

आजम के बाद सैनी की सदस्यता

सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। सैनी ने निचली निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है। उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों के अंतराल में विक्रम सैनी दूसरे ऐसे विधायक हैं जिनकी सदस्यता रद कर दी गई है। इसके पहले 28 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की भी विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई थी।

Compiled- up18 News