हिंद प्रशांत क्षेत्र में सैन्य दखल की एकतरफा कोशिश मंजूर नहीं, क्वाड देशों का साझा बयान जारी

Exclusive

भारत, अमेरिका , जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड ( Quad ) समूह ने हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त व समावेशी बनाने पर जोर दिया। क्वाड देशों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया कि इस क्षेत्र में किसी तरह का सैन्य दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्वाड नेताओं ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि किसी भी देश की ओर से हिंद प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश मंजूर नहीं है। क्वाड सम्मेलन में सदस्य देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने का संकल्प लिया।

क्वाड ( Quad ) नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में विवादित सैन्यीकरण और अन्य देशों के अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई। क्वाड ने साझा बयान में कहा, हम हिंद प्रशांत को मुक्त और समावेशी बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी एक देश का दबदबा न हो। हम हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। क्वाड नेताओं के साझा बयान में कहा गया कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर जोर देते हैं। विशेष रूप से जैसा कि समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में परिलक्षित होता है। क्वाड नेताओं ने कहा, हम हिंद प्रशांत समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

साझा बयान में यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह जानते हुए कि हमारा युग युद्ध का नहीं होना चाहिए, हम संवाद और कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करते हैं।

क्वाड ( Quad ) के सदस्य देशों ने साझा बयान में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों की निंदा की। इसके खिलाफ एकजुट होने और परस्पर सहयोग की बात दोहराई। दुनिया से आतंकवाद को पनाह देने वालों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात की। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस क्वाड समिट में हिस्सा लेते हुए मुझे खुशी हो रही है। क्वाड समूह इंडो-पैसिफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह इंडो-पैसिफिक व्यापार, इनोवेशन और विकास का इंजन है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि क्वाड के रूप में जानी जाने वाली क्षेत्रीय शक्तियों के समूह के शिखर सम्मेलन के लिए भारत अगले साल संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की मेजबानी करेगा।