अवैध रूप से कारतूस बेचने वाले इनामी सरगना को टूण्डला जीआरपी ने किया गिरफ्तार

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जीआरपी टूण्डला ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अवैध रूप से कारतूस का निर्माण कराने वाला और अपने गैंग के सहयोगियों को बेचने वाला ₹25000 का इनामी बदमाश प्रतीक सक्सेना को गिरफ्तार किया है। जीआरपी टूंडला ने अभियुक्त को गिरफ्तार करने के दौरान उसके पास से 22 जिंदा कारतूस कारतूस भी बरामद किए हैं। एसपी रेलवे आगरा मोहम्मद मुश्ताक ने इस पूरे मामले की जानकारी दी।

जीआरपी टूंडला ने 22 अप्रैल को रेलवे स्टेशन टूण्डला जं0 पर दो कारतूस तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अवैध 700 जिन्दा कारतूस बरामद किये गये थे लेकिन उनका साथी 25000 का इनामी अभियुक्त प्रतीक सक्सैना फरार था। इस गैंग से जुड़े हुए सभी अपराधियों की गिऱफ्तारी के लिए जीआरपी टूण्डला एवं सर्विलाँस टीम सहित कुल 7 टीमों का गठन किया गया। गठित टीमों द्वारा कडी मेहनत करते हुए 25000 के इनामी अभियुक्त प्रतीक सक्सैना को गिरफ्तार किया गया।

प्रतीक सक्सैना S/O सुशील चन्द सक्सैना R/O मौ. कायस्थन हसनपुर थाना हसनपुर जिला अमरोहा से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त पहले से ही कई मुकदमों में वांछित है। मु0 अ0 सं0 10/22 धारा 3/5/25(7) A Act व 34, 120-B IPC आर्म्स एक्ट थाना जीआरपी टूण्डला में वांछित चल रहा था। आरोपी के पास से 22 अदद जिन्दा कारतूस .315 बोर नाजायज और 2 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

आरोपी प्रतीक ने पूछताछ में बताया कि वह अपने पिता सुशील चन्द सक्सैना कस्वा हसनपुर जिला अमरोहा में मै0 हरदयाल सिह एडं संन्स के नाम से शस्त्र की लाइसेस की दुकान चला रहा है। दुकान पर शस्त्र लाइसेंस धारक कारतूस खरीदने आते है। वह उनको कम कारतूस देकर उनके लाइसेंस पर ज्यादा कारतूस की एंट्री कर देता था और कारतूस के खाली पैकेट को अपने पास ही रख लेता था। इस प्रकार उनके पास अतिरिक्त कारतूस इकठ्ठे हो जाते है और उन कारतूसों को अपने साथियो सादाब, फैजान और अन्य लोगों को मंहगे दाम पर बेच देता था।

आरोपी ने बताया कि उसके गिरोह के लोगों की कारतूसो की डिमाण्ड प्रति माह लगभग 5000 रहती है। जिसकी पूर्ति के लिए उसने अपने गिरोह में खाली कारतूस को अवैध रूप से भरने वाले लोगों को भी शामिल कर लिया था। वह हर महीने लगभग 3000 – 4000 कारतूस भरवाता था और उन अवैध रूप से भरे हुए कारतूसों को असली दिखाने के लिए पूर्व में खाली हुए डिब्बो मे रखकर अधिक मुनाफा कमाने के लिए बेच देता था। इस प्रकार वह व उसके साथी सादाब, फैजान व अन्य आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से एक राय व संगठित होकर अवैध रूप से कारतूस तैयार कर यूपी व बिहार के विभिन्न जिलों में बिक्री व परिवहन कर रहे थे। यह कार्य वह और उसके गैंग से जुड़े हुए लोग कई वर्षों से कर रहे थे।