आगरा: नशा मुक्ति केंद्र में युवक की दर्दनाक मौत, परिजन बोले- पिटाई से गई जान, पुलिस को दी तहरीर

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आगरा। थाना सिकंदरा क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्र से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक को जमकर पीटा गया। बुरी तरह घायल युवक जान की भीख मांगता रहा लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। इसके चलते युवक की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी। इलाज के लिए आए अन्य युवक ने पूरी घटना की जानकारी दी है। सीसीटीवी में युवक तड़पता हुआ दिखाई दे रहा है। शरीर में हरकत खत्म होने पर उसे ले जाया गया। इस दौरान मौके का फायदा उठा कर अन्य युवक वहां से फरार हो गए।

जानकारी के अनुसार शमशाबाद के गोपालपुरा निवासी राजकुमार ने 3 अगस्त की रात अपने भतीजे बॉबी राठौर को सिकंदरा क्षेत्र में नया जीवन नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। राजकुमार के अनुसार 7 अगस्त की सुबह उनको नशा मुक्ति केंद्र के स्टाफ का फोन आया कि भतीजे बॉबी को हार्ट अटैक आया है और उसे एसएन मेडिकल ले जा रहे हैं। हम लोग अस्पताल पहुंचे तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था।

मृतक के चाचा ने बताया कि जब हम भतीजे का अंतिम संस्कार करने गए तो वहां देखा की उसके शरीर पर चोट के निशान थे। हमने चोट के निशान के वीडियो बना लिए हैं। परिजनों का आरोप है कि 8 अगस्त को वो नशा मुक्ति केंद्र गए। जब उन्होंने भतीजे के इलाज के कागज मांगे और सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा तो उन्हें धमकाया जाने लगा।

वहीँ इलाज के लिए भर्ती कराने आये युवक ने रोते हुए बताया कि बॉबी ने रात में भागने का प्रयास किया था। इस कारण स्टाफ ने उसे बुरी तरह पीटा था। मार खाते समय उसकी पॉटी निकल गयी थी। इसके बाद वो रात भर तड़पता रहा। सुबह जब वो मर गया तब उसे अस्पताल लेकर गए।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि भर्ती युवक तड़प रहा है और कोई उसे उठा नहीं रहा है। जब उसने हिलना – डुलना बंद किया तो उसे उठा कर ले गए। इस दौरान कई अन्य युवक वहां से मौके का फायदा उठा कर भाग गए। सीसीटीवी पूरा देखने से पहले पुलिस ने डीवीआर कब्जे में ले ली है। उसमें मारपीट भी कैद है।

परिजनों द्वारा युवक की हत्या की तहरीर दी गई है पुलिस द्वारा जांच कर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण जरूरी

नशे की लत को छुड़ाने के लिए गली-मोहल्लों में केंद्र खुल गए हैं। इनमें प्रति माह पांच से आठ हजार रुपये लिए जाते हैं। इनमें योग, ध्यान और काउंसिलिंग से ही नशा छुड़ाने के दावे किए जाते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक, नशा मुक्ति केंद्र में मनोचिकित्सक होना चाहिए। काउंसिलिंग के लिए काउंसलर होना जरूरी है। केंद्र को स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत कराया जाना चाहिए।
-एजेंसी