आगरा: ताजमहल के पार्श्व में यमुना की भव्य आरती बनी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, पर्यटन को बढ़ावा देना है उद्देश्य

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ताज़महल के पार्श्व में यमुना की आरती बनी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र, नदी को स्वच्छ रखना है उद्देश्य

आगरा: ताजमहल को किसी भी जगह से देखने पर वो पहले से ज्यादा खूबसूरत नजर आता है। अब ताजमहल की खूबसूरती में धार्मिक आकर्षण भी बढ़ गया है। आरएसएस की भगत सिंह शाखा और युवा जागरण सेवा समिति के द्वारा शुरू की गई यमुना आरती ने अब वृहद रूप ले लिया है। ताजमहल के पार्श्व में यमुना की भव्य आरती पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गयी है। दूर-दूर से लोग इस मनमोहक आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।

मोहब्बत की नगरी में यमुना की आरती होना कोई नई बात नहीं है, पर जब इस आरती का गवाह संगमरमरी ताजमहल बन जाता है तो यह आयोजन धर्म और जातियों को पीछे छोड़कर मनलुभावन हो जाता है। आगरा में आरएसएस की भगत सिंह शाखा और युवा जागरण सेवा समिति के द्वारा कुछ समय पहले पर्यटन को बढ़ावा देने और यमुना को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से ताजमहल के पार्श्व में दशहरा घाट पर यमुना आरती शुरू की थी। हर सोमवार होने वाली आरती को बढ़ावा देने के लिए संगठन के लोगों ने प्रयास किया और बीते दो सप्ताह से यहां सैकड़ों लोगों की भीड़ के साथ आरती का भव्य आयोजन किया जा रहा है।

युवा जागरण सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया की हमारा किसी तरह का विवाद बढ़ाने का उद्देश्य कभी नहीं रहता है। यह आरती ताजमहल पर पर्यटन बढ़ाने के लिए एक संदेश देने के लिए है। काशी विश्वनाथ में भव्य आरती देखने के लिए लाखों लोग पहुंचते हैं और आगरा में ताजमहल के पार्श्व में ऐसा आयोजन होने से पर्यटन को नई राह मिलेगी। रात्रि में पर्यटकों के न रुकने की परेशानी दूर करने के लिए ताजमहल के रात्रि दर्शन की व्यवस्था की गई है लेकिन ताजमहल बन्द होने के बाद के अंधेरा होने के बीच के 2 घण्टे और मेहताब बाग तक जाना पर्यटकों को परेशान करता है। आरती आयोजन में शामिल होकर दोनो ही काम आध्यात्म के साथ पूरे किए जाते हैं।

ताजमहल के निकट दशहरा घाट पर महाआरती के लिए ताजमहल से जुड़े गाइड और फोटोग्राफर्स ने व्यवस्थाएं संभाली हैं। यहां आरती का पूरा काम ताजमहल के गाइड और पांडित्य का काम करने वाले ब्राह्मण सूरज मणि शर्मा करते हैं।

सूरज के अनुसार बीते कुछ दिनों से लोगों ने अभूतपूर्व सहयोग करना शुरू किया है और आयोजन भव्य हो गया है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम यमुना आरती को विश्व में अलग स्थान दिलाना चाहते हैं। देश में काशी, हरिद्वार और अन्य तीर्थ स्थानों पर जाने के बाद व्यक्ति रात में गंगा की भव्य आरती देखने के लिए रुकता है। हम चाहते हैं कि लोग जानें कि देश में गंगा ही नहीं, यमुना भी हैं और वहां की भव्य आरती भी मंत्रमुग्ध करती है।

-एजेंसी