तेलंगाना हाई कोर्ट का आदेश: रोब गालिब करने के आरोप में एक IPS सहित 4 पुलिस अधिकारियों को जेल

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तेलंगाना हाई कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के एक मामले में अनोखा आदेश दिया है। एक IPS अधिकारी सहित चार पुलिस अधिकारियों को उनके रोबदार रवैये के लिए दोषी ठहराते हुए उन्हें चार सप्ताह की जेल की सजा सुनाई है।

अदालत ने हैदराबाद के पुलिस आयुक्त को चारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया और पीड़ित को गंभीर रूप से प्रताड़ित करने के लिए उनमें से प्रत्येक पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

आईपीएस अधिकारी एआर श्रीनिवास हैं जो वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), हैदराबाद हैं। जेल भेजे जाने वाले अन्य लोगों में सहायक पुलिस आयुक्त (बंजारा हिल्स) एम सुदर्शन, जुबली हिल्स सर्कल इंस्पेक्टर एस राजशेखर रेड्डी और सब-इंस्पेक्टर नरेश शामिल हैं। हालांकि, हाई कोर्ट ने छह सप्ताह के लिए सजा पर रोक लगा दी ताकि दोषी अधिकारी सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकें।

2011 में की थी दूसरी शादी

जज ने जुबली हिल्स की जक्का विनोद कुमार रेड्डी (49) और उनकी मां सौजन्या रेड्डी की ओर से दायर मामले में फैसला सुनाया। सौजन्या और विनोद फिलहाल अब बैंकॉक, थाईलैंड में रहते हैं। विनोद ने 2011 में सुमना परुचुरी से शादी की थी। दोनों की यह दूसरी शादी थी। मतभेदों के चलते विनोद और सुमना जुलाई 2014 से अलग हो गए और अलग रहने लगे।

बैंकॉक में रह रहे हैं विनोद

विनोद के वकील दिलजीत सिंह अहलूवालिया ने बताया कि उनके मुवक्किल की पहली पत्नी से एक बेटी है और वह उसे बैडमिंटन में प्रशिक्षित करने के लिए बैंकॉक में रहने लगे। उनकी बेटी वर्तमान में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली बैडमिंटन में जूनियर वर्ल्ड नंबर 2 है। विनोद की मां भी अपने बेटे और पोती के साथ बैंकॉक गई थीं।

सुमना ने किया दहेज का केस

विनोद, सुमना के खिलाफ बेंगलुरु में उसकी संपत्ति पर कब्जा करने से रोकने के लिए एक केस लड़ रहा था। जुबली हिल्स पुलिस निरीक्षक ने बेंगलुरु में उप-पंजीयक को अपनी संपत्तियों पर किसी भी बिक्री लेनदेन पर विचार नहीं करने के लिए पांच पत्र जारी किए। इसी बीच सुमना ने 2019 में विनोद, उसकी मां और उसकी बहन के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया।

विनोद को नहीं दिया नोटिस, जारी किया LOC

हालांकि कानून पुलिस के लिए सीआरपीसी की धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी करना अनिवार्य बनाता है, लेकिन ऐसा कोई नोटिस नहीं दिया गया था। श्रीनिवास ने उस समय पश्चिमी क्षेत्र के डीसीपी थे, उन्होंने विनोद और उनकी मां के खिलाफ एक एलओसी जारी किया जबकि वह यह जानते थे कि विनोद और उनकी मां बैंकॉक में हैं।

विनोद को अन्य मामलों में भी फंसाने का किया प्रयास

दिलजीत ने कहा कि श्रीनिवास ने सुमना के साथ मिलीभगत की और पुलिस ने भी मां-बेटे की जोड़ी को फरार बताकर अदालत को गुमराह किया। वकील ने कहा कि मां और बेटे के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी अवैध रूप से दर्ज की गई थी और अदालत के संज्ञान में लाया गया कि कैसे पुलिस ने विनोद को आर्म्स एक्ट के मामले में फंसाने की कोशिश की, इस तथ्य के बावजूद कि उसने जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल जमा कर दी थी।

हाई कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

आईपीएस अधिकारी और अन्य पुलिसवालों के इस रवैये को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। न्यायाधीश ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले में दोषी पाया और उन्हें चार सप्ताह की जेल की सजा सुनाई।

-एजेंसियां