भक्ति गंगा: वैराग्य आने से बदल जाती है दृष्टि- जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

आगरा । राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि व्यक्ति में जब वैराग्य की भावना जाग्रत होती है तो उसकी दृष्टि बदल जाती है। सभी से मोह, ममता खत्म हो जाती है। राज-काज से आसक्ति भी समाप्त हो जाती है। लेकिन यह भाव बहुत कम लोगों में जाग्रत होते हैं। न्यू राजामंडी […]

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प्रवचन: धर्म, प्रेम, सद्भाव वाले घरों में ही रहती है महालक्ष्मीः जैन मुनि मणिभद्र महाराज

आगरा । राष्ट्र संत नेपाल केसरी जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि लक्ष्मी भी वहीं ठहरती है, जहां उसका मान-सम्मान होता है। उसका व्यय उचित कार्यों में होता है। लक्ष्मी को यदि अपने घर में रोकना चाहते हो तो घर में प्रेम, सद्भाव और धर्म को प्राथमिकता दो। जैन स्थानक, न्यू राजामंडी में […]

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प्रवचन: धनतेरस नहीं, धन्य या धर्म तेरसः जैन संत डा.मणिभद्र महाराज

आगरा : राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं होता। उसकी रक्षा करने के संकल्प का दिन है धनतेरस। इसके अलावा हमें अपने जीवन को धन्य बनाने और धर्म की ध्वजा फहराने का संकल्प भी हमें इस दिन लेना चाहिए। न्यू राजा मंडी के महावीर भवन […]

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अंतिम समय तो शरीर भी दगा दे जाता है- जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

आगरा ।राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज का कहना है कि अपने जीवन को सरल बनाओ, सीमित करो, यही साधना है। छल, कपट, द्वेष, विद्वेष, जैसी भावनाओं को खत्म करना चाहिए। जीवन के अंतिम समय में तो शरीर भी साथ नहीं देता।वह भी धोखा देता है इसलिए जैन धर्म में समाधि मरण को महत्व दिया […]

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प्रवचन: यदि जीवन को जान लिया तो मृत्यु को भी समझ लोगे- डा.मणिभद्र महाराज

आगरा । राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि मृत्यु ही जीवन का अंतिम सत्य है। यदि हमने जीवन को जान लिया तो मृत्यु को भी समझ लेंगे। लेकिन हम जागरूक नहीं है और मृत्यु के बजाय जीवन को अंतिम सत्य मान चुके, जिससे जीवन जटिल हो गया है। महावीर भवन, न्यू […]

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प्रवचन: आज हमें पेट नहीं पेटी की चिंता है- जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र

आगरा।राजा की मंडी जैन स्थानक में भगवान महावीर की अंतिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र के चतुर्थ अध्याय असंस्कृत की व्याख्या करते हुए राष्ट्र संत नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र ने कहा की आज हमारा जीवन इतने प्रमादों से भर गया है की हम पेट की चिंता छोड़कर पेटी को भरने में जीवन भर पाप कर्म करने में […]

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प्रवचन: संसार में तुम रहो, संसार तुम में नहीं- राष्ट्र संत मणिभद्र महाराज

आगरा ।जैन मुनि राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि यदि हमें अपना जीवन सफल करना है तो संसार में रहो, लेकिन संसार तुम में नहीं दिखना चाहिए। यानि संसार के जो दुर्गुण हों, वे नहीं दिखने चाहिए। क्योंकि हमें जो मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है, उसे पूरा निभाना होगा। संसार की विकृति […]

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प्रवचन: मनुष्य होना आसान लेकिन मनुष्यत्व प्राप्त होना दुर्लभ- जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

आगरा । राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि मनुष्य़ होना तो आसान है, लेकिन मनुष्य में मनुष्यत्व होना बहुत मुश्किल है। इसके लिए धर्म के प्रति अटूट श्रद्धा आवश्यक है। मानव के प्रति हमदर्दी भी सभी में होनी चाहिए। न्यू राजा मंडी के महावीर भवन में आयोजित वर्षावास में जैन मुनि […]

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प्रवचन: जीवन शेष के हटते ही विशेष बन जाता है: राष्ट्र संत डॉक्टर मणिभद्र महाराज

आगरा ।जैन स्थानक राजा की मंडी में जैन मुनि राष्ट्र संत नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र ने कहा कि जिस प्रकार एक मूर्तिकार एक टेढ़े मेढ़े पत्थर के टुकड़े में से एक छैनी से अतिरिक्त पत्थर को निकाल देता है और वो पत्थर एक मूर्ति में रूप में बदल कर विशेष और पूज्यनीय बन जाती है […]

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विनय़शीलता ही धर्म की प्रथम सीढ़ीः राष्ट्र संत डा.मणिभद्र महाराज

आगरा ।ऱाष्ट्र संत जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि धर्म की प्रथम सीढ़ी विनय है। उसके बाद अन्य नियम और गुण लागू होते हैं। क्योंकि विनयशीलता ही व्यक्ति कि सरल और सहज बनाती है। उत्तराध्यन सूत्र की मूल वाचनी मंगलवार से की जाएगी। न्यू राजा मंडी स्थित महावीर भवन में चातुर्मास कल्प के […]

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