अंतिम संस्कार के लिए आतंकी के शव की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

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सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि शव के विघटन का आदेश तब तक नहीं दे सकते, जब तक यह न दिखे कि इससे न्याय का हित हो रहा है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आमिर के शव का प्रशासन ने सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया।

कोर्ट भावनाओं से नहीं, कानून से चलती है

बेंच ने कहा- आमिर के पिता की भावनाओं का हम सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट कानून के अनुसार काम करती है। बेंच ने इसके साथ ही कहा- पिता लतीफ को आमिर के कब्र स्थल पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जाती है।

15 नवंबर 2021 को मुठभेड़ में मारा गया था आमिर

हैदरपोरा में 15 नवंबर 2021 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान आमिर और उसके 3 अन्य साथी मारे गए थे। चारों को पुलिस ने श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर हंदवाड़ा में दफना दिया था। वहीं एनकाउंटर के बाद आमिर के परिवार ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच ने पलटा

इस मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2022 में आमिर के शव निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन प्रशासन ने तुरंत डबल बेंच में अपील कर दी। इस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलट दिया और कहा कि शव को बाहर नहीं निकाला जा सकता है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

-एजेंसी