आगरा: विश्वविद्यालय की कोर कमेटी की बैठक में उठे शिवाजी मंडपम और संस्कृति भवन के निर्माण पर सवाल

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आगरा विश्वविद्यालय की कोर कमेटी की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात को रखा और कई मुद्दे इस बैठक में गर्माते रहे जिनका जवाब कमेटी के पदाधिकारियों पर भी नहीं था। सबसे पहला मुद्दा शिवाजी मंडपम और संस्कृति भवन निर्माण को लेकर गरमाया। उसके बाद जैसे ही सदस्यों को पता चला कि आगरा विवि की ड्राफ्ट को मेरठ की बैंक में जमा कराया जा रहा है तो इस मुद्दे ने आग में घी डालने का काम कर दिया।

निर्माण पर उठे सवाल

विश्वविद्यालय की कोर कमेटी की बैठक के दौरान सदस्यों ने शिवाजी मंडपम और संस्कृति भवन के निर्माण पर ही सवाल खड़े कर दिए। इन दोनों के निर्माण का बजट लगभग 80 से 100 करोड़ के आसपास का है। शिवाजी मंडपम और संस्कृति भवन का निर्माण तो करा लिया गया लेकिन इसकी भौतिक रिपोर्ट का सत्यापन व अवलोकन भी नहीं कराया है। इससे शिवाजी मंडपम और संस्कृति भवन के निर्माण पर भी कई सवाल खड़े होते हैं। कोर कमेटी की बैठक में सदस्यों ने तो यह भी कह दिया कि कहीं यह निजी स्वार्थ के लिए तो उन्हें ही बनाए जा रहे हैं।

प्रोफेसर लवकुश मिश्रा का कहना है कि पहले से ही विश्वविद्यालय के पास 450 का सिटिंग जेपी सभागार है तो फिर 1500 सिटिंग का नया सभागार की आवश्यकता क्यों पड़ गई। जेपी सभागार की सीटें आज तक नहीं भर पाए, कितने भी बड़े कार्यक्रम क्यों ना हुए हो ऐसे में पंद्रह सौ सिटिंग के सभागार में सीट कैसे भर पाएंगे।

दोनों भवनों के कारण बढ़ेगा खर्च

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लवकुश मिश्रा का कहना है कि भले ही दोनों भवनों का निर्माण हो गया हो लेकिन उसमें बिजली विभाग व उसके रखरखाव का जो खर्च आएगा, उस खर्च को कहां से निकाला जाएगा। इसकी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है जो अपने आप में बड़ा सवाल है।

विवि के ड्राफ्ट मेरठ की बैंक में हो रहे हैं जमा

प्रो. लव कुश मिश्रा ने बताया कि कोर कमेटी की बैठक में सबसे बड़ा सवाल तो विवि के ड्राफ़्ट को मेरठ के बैंक में जमा कराए जाने का है कि आखिर कार विश्वविद्यालय के ड्राफ्ट आगरा की बैंकों में जमा क्यों नहीं कराए जा रहे और मेरठ की बैंक में जमा कराने से क्या लाभ मिल रहा है। जी.पी.एफ यहाँ नहीं काटा जाता है। इस पर भी चर्चा की गई। विवि के शिक्षक हो या कर्मचारियों का जीपीएफ काटा जा रहा है जो नियम के विरुद्ध है।