पोप ने डेमोग्राफिक संकट पर कही ये बड़ी बात, इटली में ‘कुत्तों’ ने ली बच्चे की जगह

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पोप फ्रांसिस ने इटली डेमोग्राफिक संकट पर बड़ी बात कही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यहां सिर्फ अमीर लोग ही बच्चे अफोर्ड कर पा रहे हैं. कई घरों में तो पालतू जानवरों ने बच्चों की जगह ले ली है. पोप के साथ स्टेज पर और भी लोग थे, जिन्होंने कहा कि वे लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील करेंगे. यूरोपीय देशों में इटली एक ऐसा देश है जहां फर्टिलिटी सेट सबसे कम है. पिछले साल 2022 में इटली में पहली बार जन्म दर 400,000 से कम हो गई है.

ऐसा लगातार 14वीं बार है जब इटली में जन्म दर में गिरावट आई है. 58.85 मिलियन की आबादी में पिछले साल 179,000 की गिरावट दर्ज की गई. पोप फ्रांसिस रोम में डेमोग्राफिक संकट पर बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जन्म दर में गिरावट की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा एक स्थिर जॉब की तलाश, मकान के किराये में लगातार बढ़ोतरी और कम तनख्वाह ऐसी कुछ वजहें हैं, जिसकी वजह से यहां जन्म दर में गिरावट देखी जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि कई घरों में तो जानवरों ने बच्चे की जगह ले ली है.

इटली यूरोप का तीसरा बड़ा देश, घटती आबादी बड़ी चिंता

पोप ने उस लम्हे को भी याद किया जब एक महिला ने अपना बैग खोलकर अपने बच्चे को दुआ देने का अनुरोध किया. महिला ने जब बैग खोला तो देखा कि बैग में एक छोटा कुत्ता था. जन्म दर सिर्फ इटली में ही नहीं गिर रहा है. बल्की जापान, दक्षिण कोरिया और पुर्तगाल उन देशों में हैं जहां जन्म दर लगातार गिर रहा है. घटती जनसंख्या इटली के लिए बड़ी चिंता है, जो यूरोप का तीसरा बड़ा देश है.

2050 तक इटली की आबादी का बड़ा हिस्सा हो जाएगा साफ

इटली की लगातार घटती आबादी से आशंका है कि 2050 तक इटली अपनी आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा खो देगा. अब जब नए बच्चे जन्म नहीं ले रहे हैं, लेकिन इटली की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है. इटली को अक्सर खाली पालने का घर कहा जाता है. यहां तक कि एलन मस्क भी पिछले साल कह चुके हैं कि “इटली गायब” हो रहा है. जनसंख्या संकट की वजह से यहां गरीबी भी बढ़ सकती है.

घटती आबादी इटली की अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरा

इटली के अर्थव्यवस्था मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी ने कहा कि 2042 तक, इटली की घटती जन्मदर उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 18% तक कम कर देगी. इटली में महिलाओं के कम बच्चे पैदा करने के कई कारण हैं.

युवाओं के पास स्थिर नौकरी नहीं है, चाइल्डकैअर सपोर्ट सिस्टम अपर्याप्त है – ऐसे में महिलाओं को काम और परिवार में बैलेंस बिठाना मुश्किल होता है. चौरिटी सेव द चिल्ड्रन की मानें तो 10 में 6 माताओं की नर्सरी तक पहुंच नहीं है. कई गर्भवती महिलाओं को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता है, और कुछ को गर्भवती होने पर बर्खास्त कर दिया जाता है.

– एजेंसी