बसपा प्रमुख मायावती को ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल किए जाने के सवाल पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक दिन पहले बयान दिया था. अब इस पर मायावती का जवाब आया है.
एक पत्रकार ने अखिलेश से शनिवार को पूछा था कि ‘इंडी’ गठबंधन में मायावती जुड़ती हैं तो क्या ये गठबंधन के लिए फायदा होगा?
अखिलेश यादव ने इस पर कहा, ”उसके बाद की गारंटी कौन लेगा.”
अब मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ”अपनी और अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख के बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांककर जरूर देखना चाहिए. उनका दामन भाजपा को बढ़ाने और उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है.”
फरवरी 2019 में संसद से अपने संबोधन में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि “मेरी कामना है कि जितने माननीय सदस्य हैं, दोबारा फिर जीत जाएं. मैं ये भी चाहता हूं, हम लोग तो बहुमत से नहीं आ सकते हैं, प्रधानमंत्री जी आप फिर बनें प्रधानमंत्री. हम चाहते हैं जितने सदन में बैठे हैं सब स्वस्थ रहें, सब मिलकर फिर सदन चलाएं.”
इस पर तंज कसते हुए मायावती बोलीं, ”तत्कालीन सपा प्रमुख के भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले और बाद में आशीर्वाद दिए जाने को कौन भुला सकता है. फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है. ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा.”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?
इंडिया गठबंधन की सहयोगी सपा के प्रमुख अखिलेश यादव के सीट बंटवारे पर दिए बयान और मायावती को गठबंधन में शामिल करने से जुड़ी चुनौतियों पर कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अपनी बात रखी है.
अजय राय ने कहा कि इस मसले को लेकर बातचीत चल रही है. मायावती को इंडिया में लाने से जुड़ी चुनौतियों पर अजय राय ने कहा है कि इस पर समितियां बनी हैं और केंद्रीय नेतृत्व इस पर विचार कर रहा है.
अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि सीटों का बंटवारा सूर्य उत्तरायण (15 जनवरी) के बाद किया जाएगा.
-एजेंसी
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