विदेश मंत्री एस जयशंकर ने थाईलैंड में कहा, ये भारत का सौभाग्य है कि मोदी जैसा व्यक्ति इस समय देश का प्रधानमंत्री है

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थाईलैंड में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि ‘मोदी जैसा दूरदर्शी और ज़मीन से जुड़ा हुआ राजनेता जीवनकाल में एक बार ही आता है.’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में असाधारण बात ये है कि वो बहुत सी चीज़ों की नब्ज़ पकड़ लेते हैं और फिर उन्हें नीतियों और कार्यक्रमों में तब्दील कर देते हैं.

जयशंकर ने कहा कि ‘ये भारत का सौभाग्य है कि नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति इस समय देश का प्रधानमंत्री है.’
जयशंकर शनिवार शाम थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे. यहां सबसे पहले उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया.

थाईलैंड के साथ मज़बूत हो रहे रिश्ते

भारतीय विदेश मंत्री ने भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद थाईलैंड के साथ रिश्तों में आए बदलावों पर भी ज़ोर दिया.

उन्होंने कहा, “हम एशियान देशों के साथ संबंध रखते हैं. हमारे लिए ये सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं है, ये ऐसा भी रिश्ता नहीं हो जो 1947 में शुरू हुआ हो. ये एक ऐसा रिश्ता है जिसका इतिहास बहुत पुराना है. लेकिन ये ऐसा रिश्ता भी है जो भारत में बदलावों और सुधारों से भी जुड़ा है. इस दौरान, ख़ासकर पिछले 25 सालों के दौरान, ये वो समय है जब ये रिश्ता बहुत अधिक मज़बूत हुआ है.”

जयशंकर ने कहा, “अगर आप 2014 के बाद से देखें तो हमारी कनेक्टिविटी बढ़ी है, हमारे रक्षा और सुरक्षा संबंध मज़बूत हुए हैं और हमारा समुदाय बढ़ा है और हमने थाइलैंड की सरकार की तरफ़ से भी यही भावना देखी है.”

जयशंकर ने भारत और थाईलैंड के आपसी कारोबार का ज़िक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सालाना कारोबार 18 अरब डॉलर को पार कर चुका है.

भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाइवे

बैंकॉक में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने भारत-म्यांमार और थाईलैंड के बीच बन रहे हाइवे पर भी बात की.

जयशंकर ने कह कि इस हाइवे का 70 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है. ये हाइवे क़रीब 1400 किलोमीटर लंबा होगा.
जयशंकर ने ये भी कहा कि म्यांमार के मौजूदा राजनीतिक हालात की वजह से इस हाइवे के निर्माण में चुनौतियां आ रही हैं.

जयशंकर ने कहा, “अगर हम म्यांमार से होते हुए एक सड़क बनाते हैं तो वह थाईलैंड से जुड़ जाएगी. अच्छी सड़क के कारण माल की ढुलाई और लोगों की आवाजाही में बदलाव आएगा.”

म्यांमार के सैन्य नेता से जयशंकर की मुलाक़ात

एस जयशंकर मेकोंग-गंगा सहयोग बैठक में हिस्सा लेने के लिए बैंकॉक पहुंचे हैं. बैंकॉक में एमजीसी (मेकोंग-गंगा सहयोग संगठन) देशों के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक है. यहां एस जयशंकर बिम्सटेक देशों के मंत्रियों की बैठक में भी शामिल होंगे.

एस जयशंकर के मुताबिक़ इस दौरान उन्होंने म्यांमार के सैन्य नेता यू थान स्वे से मुलाक़ात की. इस बैठक के दौरान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर ज़ोर दिया गया और इंडिया-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय हाइवे बनाने में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की गई.

जयशंकर के मुताबिक़ उन्होंने म्यांमार के सैन्य नेतृत्व से भारत के सीमावर्ती इलाक़ों में ड्रग्स और मानव तस्करी को लेकर भारत की चिंताएं भी ज़ाहिर कीं.

बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए एस जयशंकर ने लिखा कि भारत-म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करता है.

चीन के विदेश मंत्री से भी मिले

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को थाईलैंड की राजधानी जकार्ता में एशियान क्षेत्रीय फोरम की बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाक़ात की.
दोनों मंत्रियों ने सीमावर्ती इलाक़ों में शांति और सुरक्षा को लेकर चर्चा की.

ट्विटर पर जानकारी देते हुए एस जयशंकर ने बताया, “अभी विदेश मामलों पर सीपीसी सेंट्रल कमिशन के डायरेक्टर वांग यी के साथ बैठक की.”

सीमावर्ती इलाक़ों पर चर्चा के साथ-साथ इस दौरान ईस्ट एशिया सम्मेलन/एआरएफ़ के एजेंडे, ब्रिक्स और भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी वार्ता हुई.

इससे पहले शुक्रवार को एक बयान में एस जयशंकर ने कहा था संघर्षों का समाधान कूटनीति के ज़रिये होना चाहिए.
दक्षिण एशियाई देशों के संगठन एशियान के विदेश मंत्रियों ने देशों से दक्षिण चीन सागर के आसपास आत्म-संयम बरतने की अपील भी की.

साझा बयान में इस क्षेत्र में ‘भूमि सुधार’ यानी समंदर में लैंड रिक्लेमेशन का भी ज़िक्र किया गया है जिसे इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों के लिए ख़ामोश चेतावनी भी समझा जा रहा है.

साझा बयान में कहा गया, “हमने आपसी विश्वास और भरोसे को बढ़ाने, उन गतिविधियों के संचालन में आत्म-संयम बरतने की आवश्यकता की पुष्टि की जो विवादों को जटिल कर सकती हैं या बढ़ा सकती हैं और शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं, और उन कार्यों से बचें जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं.”

एशियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. भारत एशियान प्लस समूह का हिस्सा है जिसमें भारत समेत चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी हैं.

Compiled: up18 News