प्रवचन: आंखें जो देखती हैं, वही सच नहीं होताः जैन मुनि डा.मणिभद्र

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आगरा 26 अगस्त । पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन जैन स्थानक में भक्ति की धारा प्रवाहित होती रही। ध्यान, साधना, आराधना, वंदना का क्रम जारी रहा। इस दौरान नेपाल केसरी एवं मानव मिलन संगठन के संस्थापक, जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने भगवान महावीर की वाणी का श्रवण कराया। देवकी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि आंखें जो देखती है, वही सच नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति का जीवन ही सबसे बड़ा शास्त्र है, उसका गहराई से अध्ययन करना चाहिए।

राजामंडी के जैन स्थानक में प्रवचन की अमृत धारा प्रवाहित करते हुए जैन मुनि ने कहा कि हमारी इंद्रियां जो महसूस करती हैं, वही सच नहीं होता, आंखों से देखा व कानों से सुना हुआ भी कभी-कभी असत्य हो जाता है। उसी सत्य का पता करने के लिए माता देवकी भगवान अरिष्टनेमि की शरण में गईं। भगवान ने बताया कि जिन 6 मुनिराजों को तुमने भिक्षा दी, वह वे बच्चे थे जो कंस के वध से बचा कर दूसरी जगह पहुंचा दिेए गए थे। इसके बाद तो देवकी वात्सल्यमय और आल्हादित हो गई थीं।

मुनिवर ने कहा कि मोह पर एक न एक दिन विजय प्राप्त करनी होती है या फिर वह स्वयं खत्म हो जाता है। वरना जीवन में दुख का सबसे बड़ा कारण मोह ही है। उन्होंने कहा कि संसार का कोई भी वैभव एसा नहीं, जो व्यक्ति को सुखी बना सकता हो। क्योंकि व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती। वैसे मन कभी किसी को सुखी नहीं होने देता। पुरानी-पुरानी बुरी बातें मन में आती रहती हैं, जिससे व्यक्ति दुखी रहता है। भविष्य के दुख से वर्तमान को तो दुखी कर लेता है, लेकिन भविष्य का सुख, उसके वर्तमान के लिए सुखदाई नहीं है। इसलिए अतीत दुख देने वाला माना जाता है। व्यक्ति को वर्तमान में जीना चाहिए। नकारात्मक भावना मन से खत्म करनी चाहिए। इसके लिए ईश्वर की भक्ति चाहिए। लेकिन मानव मन काफी चंचल है। भक्ति के लिए शक्ति तो है, पर करता नहीं है।

उन्होंने कहा कि जीवन स्वयं एक शास्त्र है। उसके एक-एक पन्ने को पढ़ो, अध्ययन करो, जीवन मूल्य को समझो और अपने अनुभवों को जीवन में उतारो, यही जीवन का सबसे बड़ा सूत्र है।

प्रयूषण पर्व के तीसरे दिन शुक्रवार की धर्म सभा में नीतू जैन,दयालबाग की 11 उपवास ,उमा जैन एवं अनिता जैन की 8 उपवास ,सुमित्रा सुराना की 6 उपवास, अनौना दुग्गर, महेंद्र बुरड़ की 5 उपवास , अंशु दुग्गर की 4 उपवास की तपस्या चल रही है। आयम्बिल की लड़ी मधु बुरड़,चंदन जैन रमा जैन ने आगे बढ़ाई। बालकिशन जैन, लोहामंडी की 15 आयंबिल की तपस्या चल रही है।
नवकार मंत्र का 24 घंटे का अखंड जाप का आयोजन जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज ,पुनीत मुनि एवम विराग मुनि के सानिध्य में महावीर भवन जैन स्थानक में 31 अगस्त तक पर्यूषण पर्व के पावन अवसर पर निरंतर जारी है ।

जिसमे प्रात: 6:00 से सायं 6:00 बजे तक महिलाओं द्वारा जाप किया जा रहा है एवम सायं 6:00 से प्रातः 6:00 बजे तक होने वाले अखंड जाप में पुरुष भाग ले रहे है।।24 अगस्त से 31 अगस्त तक अंतगड सूत्र वाचन प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से हो रहा है। प्रयूषण पर्व पर पुरुषों का प्रतिक्रमण महावीर भवन एवम महिलाओं का सुराना भवन में शाम 7:00 से 8:00 बजे तक प्रतिदिन चल रहा है।

-up18news