नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है। एक चैत्र नवरात्रि और अश्विन मास में आने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं जो अक्टूबर के महीने में आते हैं।
इन 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूप का विशेष पूजा अर्चना की जाती है और विजयदशमी के दिन शारदीय नवरात्रि का संपन्न हो जाते हैं। इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी पर हो रहा है। इसे ज्योतिषी बहुत ही शुभ फलदायी बता रहे हैं।
आइए जानते हैं पंडित नीलांबर झा से की माता अबकी बार हाथी की सवारी पर क्यों आ रही हैं और अगले एक साल देश और दुनिया पर कैसा रहेगा इसका प्रभाव।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।।
देवी भागवत में बताया गया है कि जब भी पहला नवरात्र सोमवार या रविवार को पड़ता है तो माता का वाहन हाथी रहता है। इस दिन नवरात्रि होने पर माता हाथी की सवारी से आती हैं। बता दें कि वैसे माता का वाहन सिंह हैं लेकिन, जब भी माता धरती पर आती हैं तो वह अपने अलग अलग वाहनों से आती हैं।
माता के इन वाहनों के आने और उसका क्या परिणाम मिलता है इसके बारे में विस्तार से देवी भागवत पुराण में बताया गया है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता का हाथी पर आगमन बहुत ही शुभ रहने वाला है। माता जब भी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो वह अपने साथ खूब सारी खुशियां, ज्ञान और समृद्धि लेकर आती हैं।
अनाज के भंडार भरेंगे, वर्षा भी होगी अच्छी
जब भी माता हाथी की सवारी पर आती हैं तो देश में धन धान्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही अनाज के भंडारे भी भरेंगे। देश में सुख समृद्धि आएगी। माता का हाथी की सवारी पर आना इस बात का संकेत है कि अगले एक साल वर्षा भी खूब अच्छी रहने वाली है। आपको बता दें कि नवरात्रि का समापन 23 अक्टूबर को होगा।
Compiled: up18 News