आगरा: ऑपरेशन के नाम पर जिला अस्पताल में दलाली, आरोपी गिरफ्तार

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आगरा। यूं तो हर जगह दलालों का बोलबाला रहता है, जो काम आपसे भाग दौडक़र भी नहीं हो पाता वहीं काम चंद पैसे से लेकर दलाल आराम से करा देते हैं। कुछ खुद खाते हैं और कुछ ऊपर खिलाते हैं। दलालों से अधिकारी भी खुश रहते हैं लेकिन सोमवार को जिला अस्पताल में दलाली का एक ऐसा मामला समाने आया कि जिसने भी सुना वो हैरान हो गया। दलाल ने बड़ी आसानी से घुटने के मामूली से ऑपरेशन के लिए मरीज से 5 हजार रुपये का सौदा कर लिया। मरीज रुपये लेकर अपने पिता के साथ ऑपरेशन कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंचा था, तभी अस्पताल स्टाफ ने आरोपी युवक को पैसे देते हुए देख लिया जिसके बाद पूरा मामला खुल गया। सूचना पर आई रकाबगंज थाना पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

दरअसल थाना बरहन क्षेत्र के शेर खां आंवलखेड़ा के रहने वाले नीरज के घुटने में चोंट लग गई थी। उसने अपने घुटने का ऑपरेशन रामबाग के प्राइवेट अस्पताल में कराया था। जिसके बाद अब एक बार दोबारा ऑपरेशन होना है। फिर से प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन कराने के लिए नीरज के पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उसने सरकारी अस्पताल का रुख किया। पीडित ने बताया कि जिला अस्पताल में उसकी मुलाकात विनय नाम के युवक से हुई। विनय ने उससे कहा कि वह सराकारी अस्पताल में ऑपरेशन करा देगा, इसके लिए 5 हजार रुपये लगेंगे। नीरज उसकी बातों में फंस गया।

सोमवार को वादे के अनुसार नीरज अपने पिता प्रेमपाल के साथ 5 हजार रुपये लेकर अस्पताल आया था। यहां अस्पताल स्टाफ ने उसे आरोपी युवक को पैसे देते हुए देख लिया। जिसके बाद पूरा मामला खुल गया। सूचना पर थाना रकाबगंज पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपी युवक को पकड़ लिया।

लोगों की माने तो दलाली का ये खेल डाक्टर्स की मिली भगत से ही चलता है। जिस काम के लिए इंतजार करना पड़ता है वह काम इन दलालों के द्वारा जल्दी हो जाता है।

जानकारी के अनुसार पूर्व में आरोपी जिलास्पताल में कैंटीन चलाता था। इस कारण अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ से उसकी जान पहचान हो गई। बहुत समय पहले उसकी कैंटीन तो बंद हो गई लेकिन उसकी दलाली अभी तक चल रही थी। मजबूर और जरूरतमंद लोगों को अपने जाल में फंसा कर पैंसे ऐठता था।

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ ए के अग्रवाल ने बताया कि दलाल नहीं ये लोग लावारिस जैसे हैं, यही पड़े रहते हैं। भगाते हैं तो भागते नहीं हैं। कहते हैं कि यहीं रहेंगे कहीं नहीं जायेंगे। ये 6-7 लोग हैं। पुलिस में भी इनकी कई बार शिकायत कर चुकें हैं। पुलिस आती है, उस समय भाग जाते हैं कुछ दिन बाद फिर वापस आ जाते हैं। कहते हैं मरीज को दिखाने आयें हैं फालतू नहीं घूम रहे हैं।