आज गुरुवार अर्थात् 17 फरवरी से हिन्दी पंचांग का अंतिम महीना फाल्गुन शुरू हो गया है। इस महीने में 1 मार्च को महाशिवरात्रि और 18 मार्च को होलिका दहन होगा। फाल्गुन मास में विष्णु जी के अवतार भगवान श्रीकृष्ण के तीन स्वरूपों की पूजा खासतौर पर करनी चाहिए। ये तीन रूप हैं – बालकृष्ण, राधा-कृष्ण और गुरु कृष्ण।
किस स्वरूप की क्यों करें?
बालकृष्ण – जो लोग संतान सुख पाना चाहते हैं, उन्हें बालकृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
राधा-कृष्ण – सुख-समृद्धि, प्रेम, शांति पाना चाहते हैं तो राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
गुरु कृष्ण – जो व्यक्ति ज्ञान पाना चाहते हैं या कोई विद्या हासिल करना चाहते हैं, उन्हें गुरु कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
बाल गोपाल का अभिषेक और पूजा
श्रीकृष्ण के बाल स्परूप बाल गोपाल यानी लड्डू गोपाल को घर के मंदिर में रख सकते हैं। फाल्गुन मास में दक्षिणावर्ती शंख से बाल गोपाल का अभिषेक करना चाहिए। इस माह में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। गणेशजी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। चावल, हार-फूल चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। गणेश पूजन के बाद श्रीकृष्ण की पूजा करें।
बाल गोपाल को स्नान कराएं। पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और कृं कृष्णाय नम: मंत्र बोलते हुए अभिषेक करें।
वस्त्र और आभूषण पहनाएं। हार-फूल, फल मिठाई, जनेऊ, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, पान, दक्षिणा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। तिलक करें। धूप-दीप जलाएं।
तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का भोग लगाएं। कर्पूर जलाएं। आरती करें। आरती के बाद परिक्रमा करें। पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। इसके बाद अन्य भक्तों को प्रसाद बांट दें और खुद भी लें।
-धर्म सूत्र
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