वक्फ की जमीन भी नहीं छोड़ी अतीक गैंग ने, 100 करोड़ के घपले में मुकदमा दर्ज

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वादी माबूद अहमद उर्फ मुन्ना का आरोप है कि माफिया अतीक अहमद उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, उसकी पत्नी जैनब फातिमा और साले सद्दाम, जैद, सिलवी, तारिक ने मुतवल्ली मो. असियम, उसकी (माबूद अहमद) पत्नी जिन्नत के साथ सांठगाठ करके अकबरपुर सल्लाहपुर जीटी रोड से जुड़ी सुन्नी वक्फ बोर्ड नम्बर 67 के नाम दर्ज कई बीघे की भूमि को कब्जा किया। इसके बाद फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेच दिया। बहुत से अन्य लोगों को अवैध कब्जा करवा कर पैसा ले लिया। शेष भूमि को इन लोगों ने अपने कब्जे में रखा है।

योगी से शिकायत की तो हुआ एक्शन

इतना ही नहीं आरोपियों ने रजिस्ट्री करने के बाद प्लाटों का कब्जा वक्फ की जमीन में दे दिया है, जिस पर बाकायदा प्लाटिंग कर निर्माण भी हो चुका है। खाली मैदान और जमीन पर अभी भी प्लाटिंग की जा रही है। माबूद अहमद ने बताया कि खान बहादुर नवाब सैय्यद मोहम्मद ईसा के पुत्र सैय्यद मो. एजाज ने सल्लाहपुर की जमीन वक्फ को दान में देकर अमेरिका चले गए थे। हालांकि, मुतवल्ली ने ही वादी माबूद अहमद को वक्फ की जमीन मस्जिद आदि की देखरेख के लिए नियुक्त किया, लेकिन उसे कैंसर हो गया तो वह इलाज के लिए बाहर चला गया। लौटकर जब वापस आया तो पता चला कि मुतवल्ली और उसकी पत्नी ने माफिया लोगों से मिलीभगत कर पूरे जमीन पर कब्जा करवा दिया है। माबूद अहमद ने हिम्मत कर सितम्बर 2020 में वक्फ की जमीन कब्जा करने के विरोध में उच्चाधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र दिया। जब सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में पहुंचकर फरियाद लगाई। इसके बाद में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया।

जांच में शिकायत सही मिली

मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत के आदेशानुसार जांच टीम गठित हुई। उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम ने वादी माबूद अहमद के आरोप सत्य पाए गए। माबूद अहमद ने अधिकारियों की जांच आदेश को भी अपनी तहरीर में संलग्न किया है। फिलहाल पूरामुफ्ती थाने में वादी माबूद अहमद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हो गया है, लेकिन सातों आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और पुलिस प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई जारी है।

Compiled: up18 News