प्रवचन: मोक्ष मार्ग का माध्यम है क्षमा याचना: जैन मुनि डॉ. मणिभद्र

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आगरा । श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व का बुधवार को समापन हो गया। संवत्सरी महापर्व मनाते हुए उपवास, जाप, ध्यान आदि किए और फिर एक दूसरे से क्षमायाचना की।

राजामंडी के जैन स्थानक में आयोजित इस क्षमावाणी समारोह में प्रवचन करते हुए नेपाल केसरी, मावन मिलन संगठन के संस्थापक जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने क्षमा के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि मन में मैल तो हमेशा रहता है, उसकी सफाई घर की सफाई की तरह प्रतिदिन करनी चाहिए। तभी शुद्धता बरकरार रहती है

उन्होंने कहा कि अहंकारी व्यक्ति क्षमा याचना से बचते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हीं लोग क्षमा मांगे, वे किसी से नहीं। उन्होंने कहा कि जीवन भर काम करना आसान है, क्रोध करना भी सरल है, गलतियां भी खूब करते हैं, लेकिन क्षमायाचना एक दिन करना भी भारी पड़ता है। अपनी आत्मा को कषाय से धोने के लिए हमें समय-समय पर क्षमा मांगते रहना चाहिए। गलती एक बार नहीं, हजार बार करो, लेकिन जानबूझ कर गलती करना अपराध होता है, उसकी कोई क्षमा भी नहीं होती। जैन मुनि ने कहा कि विदेशों में तो छींक आने पर भी लोग सारी कहते थे, अब हमारे देश में भी यह चलन है, लेकिन गलती करने पर क्षमायाचना करने में आज भी लोग संकोच करते हैं। क्षमा याचना के लिए कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। क्षमा याचना भी एक तप के समान है, इससे पापों का नाश होता है।

जैन मुनि ने कहा कि जैन संप्रदाय में ही आत्मा को पवित्र करने वाला पर्यूषण पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि दान चार प्रकार के होते हैं, आहार दान, औषधि दान, विद्या दान और अभय दान। लेकिन हम लोग सबसे अधिक महत्व मुद्रा दान को देते हैं। यह भी महत्वपूर्ण दान है, पवित्र दिनों में तो दान देना ही चाहिए, परंतु इसका प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। जरूरी नहीं कि करोड़पति ही दान दें। कम कमाई करने वालों को भी अपनी क्षमता के अनुसार पवित्र काम में सहयोग करना चाहिए।

मुनिवर ने महाराजा चेतक, महाराजा स्रमिक आदि के त्याग और तप की विस्तृत चर्चा की। उन महारानियों का उल्लेख किया, जिन्होंने तप से अपने शरीर को सजाया, जैसे वे अपने आभूषणों से शरीर को सुसज्जित करती थीं।

प्रयूषण पर्व के अंतिम दिन बुधवार की धर्म सभा में नीतू जैन दयालबाग की 16 उपवास ,सुमित्रा सुराना की 11 उपवास, अनौना दुग्गर 10 उपवास , अंशु दुग्गर की 9 उपवास, सुनीता दुग्गड़ ,पद्मा सुराना, मनीष लिघे,निकिता,हिमांशु मनानिया,प्रतीक ,सुहानी जैन, उज्जवल जैन,नीतू जैन की 8 उपवास,सलोनी जैन की 7 उपवास की तपस्या चल रही है। आयम्बिल की लड़ी में मधु बुरड़ की 8 आयम्बिल एवम बालकिशन जैन, लोहामंडी की 20 आयंबिल की,कंचन दुग्गड़ की 51 एकाशने की तपस्या चल रही है।

प्रयूषण महापर्व पर नवकार मंत्र का 24 घंटे का अखंड जाप जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज ,पुनीत मुनि एवम विराग मुनि के सानिध्य में महावीर भवन जैन स्थानक में 31 अगस्त तक निरंतर जारी है ।जिसमे प्रात: 6:00 से सायं 6:00 बजे तक महिलाएं एवम सायं 6:00 से प्रातः 6:00 बजे तक होने वाले अखंड जाप में पुरुष भाग ले रहे है। अंतगड सूत्र वाचन प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से हो रहा है। प्रयूषण पर्व पर पुरुषों का प्रतिक्रमण महावीर भवन एवम महिलाओं का सुराना भवन में शाम 7:00 से 8:00 बजे तक प्रतिदिन चल रहा है।

बुधवार के कार्यक्रम में श्री श्वेतांबर स्थानवासी जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन ओसवाल, महामंत्री राजेश सकलेचा ,नरेश चपलावत,मुकेश जैन, प्रेमचंद जैन, केश शाह,उज्जवल सकलेचा,संदेश जैन, सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

-up18news