आगरा: ‘ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य की जरूरत है सोलर हाइड्रोजन जेनरेशन’, ICC में वैज्ञानिकों ने रखे अपने शोध पत्र

Press Release

आगरा। इंडियन काउंसिल ऑफ कैमिस्ट्स के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन आज सिंपोजियम जेपी सभागार में आयोजित हुआ जिसमे “मैटेरियल हेल्थ एवं पर्यावरण” पर कई आमंत्रित लेक्चर हुए। इसकी अध्यक्षता प्रो अजय तनेजा ने की।

प्रो. रंगराज सेल्वराज ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि उन्होंने C3N4 नैनो शीट मटेरियल बनाया है जिससे हम फार्मास्यूटिकल वेस्ट पोल्यूशन को खत्म कर सकते है। इस मैटेरियल से पानी और तेल को सेपरेट किया जा सकता है।

डीईआई के प्रो. रोहित श्रीवास्तव ने अपने वख्यान में क्लीन एनर्जी थ्रू सोलर हाइड्रोजन जेनरेशन पर जोर देते हुए कहा कि ये आज की सबसे ज्यादा जरूरत हैं। हमारे देश की अर्थव्यस्था 2050 तक 30 ट्रिलियन हो जायेगी। इसके साथ उर्जा की जरुरत एकदम से इजाफा होगा। इसकी पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा हाइड्रोजन उत्पादन की मदद से हाइड्रोजन एक भविष्य का ईंधन साबित होगा।

प्रो सीपी भसीन ने अपने प्रेजेंटेशन में ग्राफीन मैटेरियल के एप्लीकेशन पर ध्यान देते हुए कहा ये मैटेरियल हमारे भविष्य में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

प्रो गरिमा खौशिल ने अपने रिसर्च से किसानों की समस्या पर ध्यान देते हुए कहा कि किसानों को organophosphate पेस्टीसाइड को न उपयोग करने की सलाह दी , क्योंकि ये शरीर के लिए जानलेवा है। इसकी जगह मेलाथियन पेस्टीसाइड को खेतो में उपयोग करने की सलाह दी। जिसका जैव निम्नीकरणीय किया जा सकता हैं और किसानों के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं डालता है।

प्रो. दीपक सिन्हा ने बहुत ही रोचक तथ्य को सामने रखा। उन्होंने बताया यूरेनियम एंड थोरियम की रेडियोएक्टिव सीरीज से प्रकृति रूप से प्राप्त Radon और Thoron मिट्टी में पाया जाता जाता है। Radon इतना हानिकारक नहीं है जितना इनके प्रगोनी से प्राप्त बेटी नाभिक एलिमेंट है।

सिंपोजियम की समाप्ति के बाद शोधपत्र प्रेजेंटेशन हुआ। देश के कोने कोने से आए 300 से अधिक वैज्ञानिकों ने अपना रिसर्च के बारे में बताया, जिसका संचालन 4 तकनीकी सत्रों में आयोजन किया गया।

प्रथम तकनीकी सत्र- विश्लेषणात्मक एवं पर्यावरण

रसायनशास्त्र के प्रो. ए. एस असवर ने अध्यक्षता की। जिसमे कुल-13 आमंत्रित लेक्चर 17 प्रतिभागी ने युवा वैज्ञानिक सम्मान के लिए अपने अपने शोध पत्र प्रेजेंट किए। 33 मौखिक प्रेजेंटेशन दिए गए।

द्वितीय तकनीकी सत्र- अकार्बनिक रसायन

प्रो अभयानंद सहाय ने अध्यक्षता की। जिसमे कुल 2आमंत्रित लेक्चर एवं 12 प्रतिभागी ने युवा वैज्ञानिक सम्मान के लिए अपने अपने शोध पत्र प्रेजेंट किए, साथ ही साथ 2 मौखिक प्रेजेंटेशन दी।

तृतीय तकनीकी सत्र- कार्बनिक रसायन

सत्र की अध्यक्ष प्रो. ए जाया श्री जी ने की जिसमें कुल 1 आमंत्रित लेक्चर एवं 5 प्रतिभागी ने युवा वैज्ञानिक सम्मान के लिए अपने अपने शोध पत्र प्रेजेंट किए और 14 मौखिक प्रेजेंटेशन दी।

चतुर्थ तकनीकी सत्र- भौतिक रसायन

इसकी अध्यक्षता प्रो. पी. वेंकटेसू ने की जिसमें कुल 4 आमंत्रित लेक्चर एवं 15 प्रतिभागी ने युवा वैज्ञानिक सम्मान के लिए अपने अपने शोध पत्र प्रेजेंट किए और 19 मौखिक प्रेजेंटेशन दी।