आगरा: जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी का रविवार की सुबह ताजमहल के आसपास हकीकत से सामना हुआ। दरअसल इस हकीकत को जानने खुद जिलाधिकारी पर्यटक बनकर ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंचे थे। इस दौरान हॉकरों ने उन्हें जबरन सामान थमाने का प्रयास किया। मना करने पर लड़ने के लिए तैयार हो गए। जिलाधिकारी ने किसी तरीके से खुद को बचाया। गेट के पास दिव्यांग चेयर के किराये में मनमानी मिली। ताज का ऑनलाइन टिकट काउंटर बंद था।
शिल्पग्राम के पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारियों का व्यवहार ठीक नहीं था। वे नाइट ड्रेस में घूम रहे थे। गाली-गालौज सामान्य बात थी। डीएम से अमर्यादित व्यवहार किया गया।
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी शनिवार की सुबह छह बजे एमजी रोड स्थित आवास से पैदल निकले। वह क्रीम कलर का अपर और काले रंग की हाफ पैंट पहने थे। उनके साथ अर्दली या फिर कोई सुरक्षा कर्मचारी नहीं था। पर्यटक बने जिलाधिकारी फतेहाबाद रोड से होते हुए शिल्पग्राम पहुंचे। शिल्पग्राम की पार्किंग में वाहन खड़ा करने का बहाना बनाया। ठेकेदार के कर्मचारी से बात की। कर्मचारी नाइट ड्रेस में था। गुटखा खाए हुए था। गुटखा थूकते हुए डीएम से बोला, जहां पर जगह मिल जाए, वहीं गाड़ी खड़ी कर दो।
डीएम ने पूछा, तुम्हारा नाम क्या है। ड्रेस और परिचय पत्र कहां है। कर्मचारी बोला, चचा! अपने काम से काम रखो। तुमसे इससे कोई मतलब नहीं है। एक और कर्मचारी पास आ गया। कर्मचारियों का व्यवहार शालीन नहीं था।
जिलाधिकारी थोड़ा आगे बढ़े। एक शख्स ने जबरन सामान बेचने का प्रयास किया। उन्होंने खुद को किसी तरह बचाया, फिर शिल्पग्राम से ताज पूर्वी गेट पहुंचे। रास्ते में कई लपकों ने परेशान किया। सामान न खरीदने पर लड़ने के लिए तैयार हो गए।
ताज पूर्वी गेट के पास कई दिव्यांग चेयर रखी हुई थीं। हर चेयर का किराया अलग-अलग था। विदेशी पर्यटक से मनमाना किराया वसूला जा रहा था। डीएम ने कई पर्यटकों और कर्मचारी से बात की। इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन भी ठीक से नहीं हो रहा था। इसे देखने वाला भी कोई नहीं था। ऑनलाइन टिकट काउंटर बंद था। पर्यटकों की लाइन लगी हुई थी। डीएम ने शौचालय को भी देखा। इसमें सेंसर नहीं लगा हुआ था।
जिलाधिकारी के इस निरीक्षण के बाद तय किया गया कि ताजमहल पर दिव्यांग चेयर का किराया एक समान होगा। गेट के पास जितनी भी चेयर हैं। उसके आसपास रेट लिस्ट लगेगी। कर्मचारियों का व्यवहार शिष्ट होगा। लपकों को पकड़ने का अभियान चलेगा। नए पार्किंग स्थल की तलाश की जाएगी।
शिल्पग्राम के पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। कर्मचारी एक ड्रेस में होंगे और प्रत्येक का परिचय पत्र बनाया जाएगा। पार्किंग गेट पर बूम गेट लगेगा। पर्ची सिस्टम को खत्म करते हुए हैंड हेल्ड मशीन का प्रयोग किया जाएगा। सेंसर युक्त शौचालय होंगे। सफाई व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा।
ताजमहल की शिल्पग्राम स्थित पार्किंग पर क्या कुछ होता है, यह जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने अपनी आंखों से खुद देख लिया है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि इस गंदगी को साफ करने के लिए जिलाधिकारी क्या कदम उठाते हैं। जिलाधिकारी ने सब कुछ बीते कल शिल्पग्राम पार्किंग पर आम नागरिक बनकर देखा। माना जा रहा है कि आज रविवार का अवकाश होने के कारण जिलाधिकारी का एक्शन एक-दो दिन में सामने आ सकता है।
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