Agra News: चार दिन से लापता व्यापारी की लाश यमुना नदी के किनारे मिली, तलाश में जुटे रहे परिजन, तीन अरेस्ट, पुलिस पर गंभीर आरोप

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पायल व्यापारी को चार दिन पहले ही मार दिया गया, पुलिस कहती रही, जिंदा है जल्द सौंपेंगे

आज शव मिला, परिजनों ने पुलिस पर लगाया घूसखोरी और लापरवाही का आरोप तो हंसने लगे पुलिसकर्मी

आगरा। ट्रांस यमुना क्षेत्र से चार दिन से लापता व्यापारी की लाश यमुना नदी के किनारे मिली। जानकारी पर परिजन थाने पहुंचे। उन्होंने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए टहलाती रही। इतना ही नहीं रविवार को एसआई ने 50 हजार रुपये जल्दी तलाशने के लिए घूस भी ली। फिर भी नहीं ढूंढा।

कालिंदी विहार निवासी 52 साल के विनोद कुमार का चांदी की पायल का काम था। उनकी पत्नी बबीता गुप्ता ने बताया कि विगत 27 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे विनोद के मोबाइल फोन पर किसी अनिल की कॉल आई थी। इसके बाद विनोद दस मिनट में वापस आने की बात कहकर घर से निकल गए। आधे घंटे बाद जब उन्होंने कॉल किया तो फोन नहीं उठा। घंटी जाने के बाद फोन बंद हो गया। पंद्रह मिनट बाद फिर से कॉल किया तो फोन बंद था।

एक घंटे बाद भी जब उनका फोन नहीं आया तो बबीता थाना ट्रांस यमुना गई। पुलिस ने उनकी बात को गंभीरता से लेने के बजाए 24 घंटे बाद आने की बात कही।

परिजन पूरी रात विनोद गुप्ता को तलाशते रहे। सुबह वे फिर थाने पहुंचे। बड़ी मुश्किल से रिपोर्ट लिखी गई। चार दिन में जब कोई पता नहीं चला तो आज दोपहर थाने से बताया गया कि एक बॉडी मिली है। शिनाख्त के लिए आ जाएं। मंडी समिति चौकी पर उन्हें एक फोटो दिखाई गई। उससे पता चला कि उनके पति की हत्या हो गई है।

एसीपी छत्ता आरके सिंह ने बताया कि व्यापारी विनोद गुप्ता का शव 28 जुलाई को यमुना में मिला था। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने के प्रयास किए। शिनाख्त न होने पर अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया। आज दोपहर में शव की शिनाख्त हुई। प्रथम दृष्ट्या हत्या कर यमुना में फेंकने का मामला लग रहा है।

मृतक की बेटी शैली ने थाने में चीख-चीख कर आरोप लगाया कि उनके पापा को तलाशने में पुलिस ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। रात को ही उन्होंने अनिल और राजेश चौहान पर शक जताया था। मगर, पुलिस ने उनकी बात गंभीरता से नहीं लीं। उनका आरोप है कि गुमशुदगी दर्ज होने के बाद एसआई रेखा रानी को जांच दी गई। उन्होंने पापा को तलाशने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। उन्होंने कहा कि उनको तलाशने के लिए गाड़ी में डीजल लगेगा। एक दिन पहले ही उन्होंने 50 हजार रुपये लिए। इसके बाद वह भरोसा दिलाती रहीं कि पापा की लोकेशन मिल गई है। वह बिल्कुल सुरक्षित हैं। आज रात को उनको लेकर सुपुर्द कर देंगे। हम उनकी बातों का भरोसा करते रहे, जबकि अब बताया गया कि पापा का मर्डर तो उस रात को ही कर दिया गया था। पुलिस लगातार झूठ बोलती रही।

मृतक की बेटी शैली का कहना था कि पुलिस से जब सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से तलाशने को कहा तो उन्होंने उस पर भी ध्यान नहीं दिया। मेरे अम्मा-बाबा ने बेटे को तलाशने के लिए हाथ जोड़े तो एसआई गोस्वामी ने उन्हें फटकार लगा दी। वे बोले कि तुम्हारा बेटा अपने आप गया है। दो दिन में अपने आप आ जाएगा। इतना ही नहीं, पुलिस वाले कभी उनसे कोल्ड ड्रिंक मंगाते तो कभी पानी। अगले दिन जाकर उनकी गुमशुदगी लिखी गई। चार दिन से वह परेशान थीं।

व्यापारी की हत्या के बाद परिजन थाने पर रोते हुए इंसाफ की गुहार लगा रहे थे। वहीं, वहां तैनात पुलिसकर्मी उनको चुप कराने की बजाए हंसते रहे। बेटी ने जब गुस्से में सवाल किए तो जांच करने वाली एसआई थाने से खिसक ली।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ लिया है। बताया गया है कि हत्या रुपये के लेन-देन के चलते की गई। व्यापारी ने उसे रुपये उधार दिए थे। रुपये का तगादा करने पर उसने हत्या कर दी। परिजनों ने उसी रात को उस व्यक्ति पर शक भी जताया था।

Compiled: up18 News