Agra News: डीआईओएस सहित 12 लोगों के खिलाफ प्रिंसिपल को लात-घूंसों से पीटने का मुकदमा दर्ज

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आगरा: थाना शाहगंज में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) मनोज कुमार समेत 12 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। साकेत इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ओमप्रकाश शर्मा ने डीआईओएस और कर्मचारियों पर लात घूंसों से पिटाई करने का आरोप लगाया है।

थाना शाहगंज पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी, धमकी देना, मारपीट, गाली-गलौज की धाराओं में केस दर्ज किया है। प्रिंसिपल ओम प्रकाश शर्मा का आरोप है कि डीआईओएस मनोज कुमार के इशारे पर असिसटेंट डीआईओएस पीके मौर्या, डीआईएस कार्यालय में संबद्ध कर्मचारी अजय चौधरी उर्फ अजय पाल सिंह, अतुल, योगेश कुमार, सुशील लवानिया, पुनीत रायजादा, अशुल तोमर, अजीत सिंह, कपिल, तेज प्रकाश, सतेन्द्र कुमार एवं अज्ञात लोगों ने उनके साथ दफ्तर में लात-घूंसों से पिटाई की थी। वह डीआईओएस कार्यालय में प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताएं से जुड़े मामलों के साक्ष्य देने गए थे।

दरअसल कमिश्नर के यहां प्रिंसिपल ओमप्रकाश शर्मा ने प्रधानाचार्य परिषद के बैनर तले डीआईओएस की शिकायत की थी। उन्होंने डीआईओएस पर संस्था प्रबन्ध तत्वों के साथ सांठगांठ कर प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताएं करने का आरोप लगाया था। नौ जनवरी, 2023 इस सबंध में ज्ञापन दिया था।

प्रिंसिपल का आरोप है कि जांच समिति की सुनवाई के दौरान भी डीआईओएस गलत इरादे से अपने साथ अजय चौधरी, कृष्ण मोहन त्यागी, कफील, योगेश कुमार शर्मा, दिलीप भदौरिया, संजय महरिया, अतुल शर्मा, सुशील लवानिया आदि को लेकर आए थे। मारपीट की घटना वाले दिन प्रिंसिपल पहले शिक्षा भवन पहुंचे थे, वहां डीआईओएस मौजूद नहीं थे। इसके बाद वह राजकीय इण्टर कॉलेज में उनके शिविर कार्यालय में मिले। उन्होंने साक्ष्यों एवं समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में जैसे ही कुछ कहना चाहा तो डीआईओएस बोले कि तुमने जो करना था कर दिया है। अब हमें जो करना है हम करेंगे। इसके बाद अपने साथ अटैच अजय चौधरी उर्फ अजय पाल सिंह की तरफ कुछ इशारा किया। इसके बाद नामजद आरोपियों ने मिलकर लात-घूंसों से उनकी मेरी पिटाई कर दी।

घटना की तहरीर उन्होंने थाना शाहगंज में दी और मेडिकल कराने की मांग की थी लेकिन मेडिकल नहीं कराया गया। असहनीय पीड़ा सहते हुए वह अस्पताल पहुंचे और उपचार लिया। नौ फरवरी को उन्होंने पुलिस कमिश्नर के यहां शिकायत भेजी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद प्रिंसिपल ने कोर्ट की शरण ली।