DCW के 223 कर्मचारी बर्खास्त, स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ की थी नियुक्ति

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नई दिल्ली। LG वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी।

आदेश में DCW एक्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि आयोग केवल 40 कर्मचारियों को ही रख सकता है, लेकिन LG की मंजूरी के बिना 223 नए पद बनाए गए हैं। आयोग के पास कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।

स्वाति मालीवाल बोलीं- ये तुगलकी फरमान है। मैं अपने जीतेजी आयोग को बंद नहीं होने दूंगी।

स्वाति मालीवाल ने जनवरी 2024 में आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। उन्हें 2015 में आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा में सांसद पद के लिए नॉमिनेट किया था।

दिल्ली महिला और बाल विकास विभाग (DWCD) ने 29 अप्रैल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) को इस संबंध में आदेश भेजा है।

DWCD-DCW के बीच पत्रों के जरिए बातचीत हुई थी। पत्रों से कार्रवाई को समझा जा सकता है…

महिला आयोग ने नियुक्तियों के संबंध में 2016 में पत्र भेजा

DWCD को महिला आयोग (DCW) की ओर से 10 सितंबर 2016 को एक पत्र मिला। इसमें लिखा था कि 9 सितंबर 2016 को हुई मीटिंग में महिला आयोग ने DCW एक्ट 1994 का इस्तेमाल करते हुए 223 अतिरिक्त नियुक्तियां की हैं। DWCD को इन नियुक्तियों की जरूरत, इम्प्लॉई की क्वालिफिकेशन और एक्सपीरिएंस के बारे में जानकारी भी भेजी गई है।

DWCD का पहला खत 27 सितंबर 2016

DWCD ने महिला आयोग के मेंबर सचिव को पत्र लिखा। इस पत्र में महिला आयोग की ओर से की गई नियुक्तियों के लिए वित्तीय सहायता देने के नियम और शर्तें बताईं। इसमें कहा गया कि आयोग बिना फाइनेंस डिपार्टमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन की इजाजत के कोई ऐसी गतिविधि नहीं कर सकता, जिसमें अतिरिक्त वित्तीय भार पड़े। इसमें नई नियुक्तियां करना और राष्ट्रीय राजधानी में सैलरी का स्ट्रक्चर मौजूदा स्ट्रक्चर से ज्यादा करना भी शामिल है। आयोग ने जो नियुक्तियां की हैं, उनका बजट 2 करोड़ से ज्यादा है।

DWCD का दूसरा पत्र- 5 अक्टूबर 2016

DWCD ने महिला आयोग को बताया कि नियुक्तियों के लिए LG की इजाजत नहीं ली गई है। दिल्ली महिला आयोग एक्ट 2013 के मुताबिक सरकार ही जरूरत पड़ने पर महिला आयोग को ऐसे अफसर और कर्मचारी मुहैया कराएगी। महिला आयोग को खुद ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है।

महिला आयोग का दूसरा पत्र- 28 नवंबर 2016

महिला आयोग ने LG को पत्र लिखकर बताया कि DCW को चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। कमियां और अनियमितताएं हैं। आयोग ने बिना LG की इजाजत के नियुक्तियां कीं और इसके लिए अलग कैटेगरी बनाई गईं। वजह यह कि नियुक्तियों के वक्त कोई पोस्ट नहीं थी। आयोग की अध्यक्ष को कई बैठकों में यह सलाह दी गई कि वो फाइनेंस डिपार्टमेंट की मंजूरी ले लें। इस सलाह को अध्यक्ष ने नहीं माना, जिसके चलते नियुक्त किए गए 223 कर्मचारियों की पेमेंट मेंबर सेक्रेटरी ने रिलीज नहीं की। मेंबर सेक्रेटरी ने बताया कि यह नियुक्तियां तय प्रक्रिया के तहत नहीं की गई हैं।

कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई

मीना कुमारी समेत 223 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई कि उन्हें मेहनताना दिया जाए। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में सैलरी रिलीज करने का आदेश दिया। इसके बाद DWCD ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया। DWCD ने हाईकोर्ट को बताया कि इन नियुक्तियों में नियम और शर्तों का उल्लंघन किया गया है। DWCD ने हाईकोर्ट को बताया कि ऑडिट रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां भी मिली हैं। इसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच में केस दर्ज किया गया।

फरवरी 2017 में नियुक्तियों की जांच शुरू हई

DWC मेंबर सेक्रेटरी के एफिडेविट और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर LG ने महिला आयोग में अवैध नियुक्तियों और आर्थिक गड़बड़ियों की जांच के लिए कमेटी बनाई।

जून 2017 में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी

कमेटी ने कहा कि DWC के संचालन में बड़े स्तर पर फाइनेंशियल और एडमिनिस्ट्रेशन की गड़बड़ियां हैं। गैर आधिकारिक मैन पावर का इस्तेमाल किया गया है, नियुक्तियां की गई हैं। LG की ओर से नियुक्त किए गए मेंबर सेक्रेटरी को खारिज कर खुद मेंबर सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। बिना इजाजत प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए। निजी संस्थानों और NGOS को फायदा पहुंचाया गया। बिना इजाजत गाड़ियां खरीदी गईं। 223 नियुक्तियों में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, न ही LG की इजाजत ली गई।

दिल्ली सरकार ने महिला आयोग को 40 पोस्ट दी हैं। 223 नियुक्तियां करके कई नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया गया है। इन नियुक्तियों की जरूरत क्यों है, नियुक्त किए गए लोगों की क्वालिफिकेशन क्या है, इसके लिए कोई स्टडी नहीं की गई। एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस डिपार्टमेंट से इजाजत नहीं मांगी गई।

रिपोर्ट की जांच के आधार पर LG ने लिया एक्शन

कमेटी की जांच के आधार पर LG वीके सक्सेना ने फैसला किया कि 223 नियुक्तियों में नियमों का उल्लंघन हुआ है। ऐसे में इन्हें रद्द किया जाए और इन्हें DWC में काम ना करने दिया जाए। दिल्ली सरकार ने महिला आयोग से कहा कि कभी भी नियुक्त किए गए सभी कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ को निकाला जाए।

स्वाति मालीवाल बोलीं- 90 का स्टाफ, सरकार ने सिर्फ 8 दिए

स्वाति मालीवाल ने कहा, “LG साहब ने तुगलकी फरमान जारी किया है। आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ 8 लोग सरकार ने दिए हैं। बाकी 3 – 3 महीने के कॉन्ट्रेक्ट पर हैं। अगर सब कॉन्ट्रेक्ट स्टाफ हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग पर ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून-पसीने से बनी संस्था है। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से खत्म कर रहे हो? मेरे जीते जी में महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पर जुल्म ना करो।”

– एजेंसी