आइए जानते हैं कि जड़ी-बूटियां किस तरह ब्रेन को एक्टिव रखने में करती हैं मदद

Health

आज के समय ज्यादातर जॉब्स ऐसे हैं, जिनमें शार्प ब्रेन की जरूरत होती है। साथ ही लगातार मेंटल प्रेशर लेते हुए सही तरह से काम कर सकने वाले इंप्लॉयज ही हर किसी को चाहिए होते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है यह जानना कि आखिर हम अपने ब्रेन को लगातार एक्टिव कैसे रख सकते हैं। प्रकृति ने हमें बहुत सारी जड़ी-बूटियां और औषधियां दी हैं, जो हमारे शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने का काम करती हैं।

दिमाग को लगातार ऊर्जा देने वाली इन प्राकृतिक औषधियों को आयुर्वेद में एक खास वर्ग में रखा गया है। इसे आयुर्वेद मेध्या और नॉट्रोपिक ग्रुप कहते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि ये जड़ी-बूटियां किस तरह ब्रेन को एक्टिव रखने में मदद करती हैं।

ब्राह्मी (बकोपा मोननेरी)

-ब्राह्मी एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है। यह ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन और गाबा को संशोधित करने का काम करती है। साथ ही तंत्रिका तंतुओं के कुशल संचरण में सुधार करती है।

-ब्राह्मी का सेवन करने वाले लोगों के दिमाग पर तनाव में का बहुत अधिक असर नहीं हो पाता है क्योंकि ब्राह्मी मस्तिष्क की कोशिकाओं में लचीलापन बढ़ाने का काम करती है। इससे याददाश्त बढ़ती है, सीखने की क्षमता बढ़ती है और ताजगी बनी रहती है।

वाचा (एकोरस कैलमस)

-वाचा में चिंता, भय और अवसाद जैसे लक्षणों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) पर काम करती है और इससे अवसाद के लक्षणों और कारणों से मुक्ति मिलती है।

-वाचा व्यक्ति के मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में मोनोमाइन स्तरों में परिवर्तन करती है। मानसिक संतुलन बनाए रखने वाली इलेक्ट्रॉनिक वेव्स को सही बनाए रखने के कार्य में मदद करती है।

जटामांसी (नारदोस्तच्स जटामांसी)

-जटामांसी केंद्रीय मोनोमाइन और निरोधात्मक अमीनो एसिड के स्तर को बढ़ाती है, जिसमें सेरोटोनिन, 5-हाइड्रॉक्सिंडोल एसिटिक एसिड, (जीएबीए) गामा-एमिनो ब्यूटेनिक एसिड और टॉरिन के स्तर में बदलाव शामिल है। ये सभी तत्व निराशा को दिमाग पर हावी होने से रोकते हैं और डिप्रेशन से बचाते हैं।

मंडुकपर्णी (सेंटेला एशियाटिक)

-मंडुकपर्णी मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता में सुधार करती है और न्यूरोट्रांसमीटर्स – डोपामाइन, नॉरपेनेफ्रिन या सेरोटोनिन स्राव को संतुलित करती है। इसके सेवन से न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकाओं) को पुनर्जीवित होती हैं और मानसिक तनाव को कम करती हैं।

शंखपुष्पी (एवलवुलस अलसिनोइड्स)

-शंखपुष्पी तनाव बढ़ानेवाले हॉर्मोन कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करती है। इससे तनाव आपके दिमाग पर हावी नहीं हो पाता है। शंखपुष्पी के सेवन से मन को शांत बनाए रखने में सहायता मिलती है। शंखपुष्पी तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और अनिद्रा से निपटने में बेहद प्रभावी है।

-एजेंसियां