क्या सही क्या ग़लत: दिल्ली में पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर आगरा में हुई विचार गोष्ठी, गणमान्य लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रिया

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आगरा: पिछले तीन महीनों से योन शोषण के विरोध में महिला पहलवान प्रदर्शन कर रही है। उनकी मांग पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो यह प्रदर्शन उग्र हुआ। किसानों ने भी इसे अपना समर्थन दिया लेकिन इस प्रदर्शन का तीन महीनों में विश्व पटल पर भारत की स्थिति का क्या असर पड़ा? इसको लेकर आगरा कैंट प्री पेड आटो टैक्सी ड्राइवर यूनियन की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विचार गोष्ठी का विषय ‘क्या सही क्या ग़लत’ था जिस पर उपस्थित गणमान्य लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया रखी।

विश्वभर में छवि हो रही धूमिल’

पहलवानों के इस प्रदर्शन को कुछ लोगों का मानना है कि इस विरोध प्रदर्शन को तीन महीने हो गए है। पहलवानों के इस प्रदर्शन से देश की छवि धूमिल हो रही है। भारत आने वाला पर्यटक के कानों तक यह खबर पहुँच रही है। वहीँ कुछ लोगों ने कहा कि पहलवानों को अपनी बात रखने का अधिकार है।

कानून पर विश्वास होना चाहिए’

इस विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से पूर्व सीओ बी एस त्यागी और डीजीसी बसन्त गुप्ता, इंडिया राइजिंग के संयोजक डॉ आनंद राय, ट्रैवल फैडरेशन के अध्यक्ष चौधरी हाकिम सिंह सोलंकी, शान्ति मांगलिक अस्पताल के प्रबन्धक, पूर्व कर्नल जीएम खान ने रखे विचार रखे। सांसद ब्रजभूषण की गिरफ्तारी से संबंधित सवाल के जवाब में पूर्व सीओ बी एस त्यागी ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले जांच होती है, विवेचना पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। धरना प्रदर्शन समस्या का समाधान नहीं है।

मीडिया से ट्रायल पर बन रहा दबाब

डीजीसी बसन्त गुप्ता ने कुछ उदाहरण देते हुए बताया कि अगर पुलिस गलत चार्जशीट दाखिल करतीं है, तो न्यायालय में सबूत पेश करना चाहिए। मीडिया ट्रायल से दवाब बनाना ठीक नहीं है। एक केस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक महिला ने दुराचार और एससी एक्ट का मुकदमा लिखाया और सरकार पीड़ित के लिए मिलने वाली राशि भी ले दी। बाद में न्यायलय में मुकर गयी। अभियुक्त दोषमुक्त हो गया। अब सहानुभूति में मिली राहत वापस ली जायेगी।

आनंद राय ने कहा कि जब विश्व कुश्ती संघ हमें नसीहत दे तो अच्छा नहीं लगता खिलाड़ियों को देश के कानून पर भरोसा रखना चाहिए। गोष्ठी में अनिल शर्मा, सुनील शर्मा, राजेंद्र, मनुज फिरोज उस्मानी आदि लोगों ने भी अपने विचार रखे।