वायु प्रदूषण से बढ़ रहे टाइप-2 डायबिटीज के मरीज, रिसर्च में हुआ खुलासा

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रिसर्च को बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया

रिसर्च में कहा गया है कि हवा में मौजूद पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ा रहा है. इस रिसर्च की शुरुआत साल 2010 में की गई थी. यह ऐसी पहली रिसर्च है जिसमें पॉल्यूशन और डायबिटीज के बीच संबंध पाया गया है.

चिंता की बात यह है कि भारत में डायबिटीज के मरीजों का आंकड़ा 10 करोड़ से अधिक है. ऐसे में बढ़ता वायु प्रदूषण इस बीमारी के दायरे को तेजी से बढ़ा सकता है. खासतौर पर शहरी इलाकों में डायबिटीज के मामले बढ़ने का रिस्क कई गुना अधिक हो गया है.

12 हजार लोगों पर हुई स्टडी

इस स्टडी में 12 हजार लोगों को शामिल किया गया था. इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे. रिसर्च के दौरान इनके शरीर में ब्लड शुगर का लेवल जांचा गया था. इस दौरान रिसर्च करने वालों ने इनके शरीर में पॉल्यूशन के लेवल की जांच भी की थी. इस दौरान यह सामने आया कि जिन लोगों के शरीर में पॉल्यूशन का लेवल ज्यादा था या जिस दौरान वातावरण में प्रदूषण बढ़ा हुआ था उस समय शरीर में ब्लड शुगर का लेवल भी अधिक था. जो लोग लंबे समय तक प्रदूषण वाले इलाके में रहे उनके शरीर में शुगर के लेवल बढ़ने का खतरा 20 से 22 फीसदी तक अधिक था.

डायबिटीज के हैं कई कारण

भारत में डायबिटीज के बढ़ने के कई कारण हैं. इनमें गलत खानपान और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल प्रमुख है. चिंता की बात यह है कि अब 20 से 30 साल की उम्र में भी लोग टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं.

अब रिसर्च में पता चला है कि प्रदूषण भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा रहा है. ऐसे में यह एक बड़ा रिस्क फैक्टर बन सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश में प्रदूषण का लेवल कंट्रोल में नहीं आ रहा है. ऐसे में यह भविष्य में बड़े संकट की ओर इशारा कर रहा है. इसको देखते हुए लोगों को सलाह है कि वह अपना बचाव करें. इसके लिए खानपान का ध्यान रखें और लाइफस्टाइल को ठीक रखें. भोजन में नमक, मैदा और चीनी की मात्रा कम करें और रोजाना एक्सरसाइज करें.

– एजेंसी