विश्वगुरू बनने के लिए समाज को होना होगा एकजुट: महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि

Press Release

आगरा: विश्वगुरू बनने के लिए समाज को एकजुट होना होगा। इसके लिए एक सर्वमान्य धर्म पुस्तक होनी चाहिए। साथ ही मठ, मंदिर व पूजा गृह में लगाए जाने वाले नारों में भी बदलाव करने की जरूरत है। अब मंदिरों में सनातन धर्म की जय, सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश हो गूंजना चाहिए।

इसी संदेश को संतों के बीच पहुंचाने के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने तीन जून से यात्रा प्रारंभ की है। यात्रा के दौरान उनसे श्री प्राचीन कैलाश मंदिर के महंत गौरव गिरी ने मंगलवार को डासना, गाजियाबाद में मुलाकात की। यात्रा आगरा आएगी, इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

श्री प्राचीन कैलाश मंदिर के महंत गौरव गिरी का कहना है कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का कहना है कि हमारे पास अभी तक कोई सर्वमान्य धर्मपुस्तक नहीं है। यह धर्मपुस्तक हमारे सर्वमान्य महापुरुष श्रीराम, श्रीकृष्ण तथा श्रीपरशुरामजी के जीवन के आधार पर ही तैयार की जा सकती है क्योंकि महापुरुषों का जीवन ही हम सबको हमारे कर्तव्यपथ का बोध करवा सकता है। यदि सनातन धर्मी समाज के दिशानिर्देश के लिये एक ऐसी सर्वमान्य पुस्तक यदि तैयार हो जाती है तो निकट भविष्य में हम सनातन धर्मी भी एक जाति के रूप में धार्मिक रुप से संगठित हो जाएंगे। तब हम किसी भी धार्मिक या सामाजिक संकट से हम न केवल लड़ सकेंगे बल्कि संकट को समाप्त करके मानवता की रक्षा करने में भी सक्षम हो जाएंगे। यदि हम यह धर्मानुशासन निर्माण करने में सफल रहे तो एक दिन इस्लाम के जिहाद से मुक्त अखण्ड भारत बन कर रहेगा हम पुनः विश्वगुरु होंगे।

हमें अपने अनुयायियों तथा शिष्य गणों को बाध्य करना पड़ेगा की वो अपनी दैनिक प्रार्थना में अपने इष्ट देव से अपनी अन्य कामनाओं के साथ ही सनातन धर्म,अपने राष्ट्र,अपने परिवार व अपनी स्वयं की रक्षा तथा सनातन धर्म,अपने राष्ट्र, अपने परिवार व अपने स्वयं के शत्रुओ का समूल विनाश भी मांगे।

प्राचीन कैलाश मंदिर महंत गौरव गिरी श्री बांके बिहारी वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा, छात्र नेता डॉ रवि यादव, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा संजय यादव आदि शामिल रहे।