अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के वो रहस्य जिन्हे जानकर आप रह जायेंगे हैरान

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ऐसे में आइए जानते हैं कि अमरनाथ की गुफा में बर्फ के शिवलिंग के दर्शन का सौभाग्य सर्वप्रथम किसने प्राप्त किया था।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा अमरनाथ के दर्शन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वह मोक्ष का भागी बनता है। साथ ही इस यह भी मान्यता है कि पवित्र धाम की यात्रा से 23 तीर्थों के दर्शन करने के बराबर पुण्य मिलता है। इस गुफा की एक और खास बात यह है कि यहां पर अमरनाथ शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के चरणों के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है।

इन्होंने किए थे पहले दर्शन

पौराणिक कथा के अनुसार सर्वप्रथम अमरनाथ गुफा के दर्शन महर्षि भृगु द्वारा किए गए थे। जिसके पीछे यह कथा मिलती है कि एक बार कश्मीर घाटी पूरी तरह से पानी में डूब गई। तब महर्षि कश्यप ने नदियों और नालों के माध्यम से पानी को बाहर निकाला। जिस दौरान घाटी में पानी बाहर निकाला जा रहा था, उसी दौरान महर्षि भृगु तपस्या के लिए एकांतवास की खोज कर रहे थे। खोज करते-करते वह अमरनाथ गुफा में पहुंच गए, जहां उन्हें बाबा अमरनाथ के दर्शन हुए।

एक अन्य कथा

एक अन्य कथा के अनुसार अमरनाथ गुफा के दर्शन सबसे पहले बूटा मलिक नाम के चरवाहे ने किए थे। माना जाता है कि 15वीं शताब्दी में बूटा मलिक को एक संत ने कोयले से भरा एक थैला दिया। जब वह चरवाहा थैले को वापिस लौटाने गया तो उसमें कोयले की जगह सोने के सिक्के निकले। यह देखकर वह चकित रह गया। बूटा मलिक संत को धन्यवाद करने के लिए जब उसी स्थान पर पहुंचा, जहां उन्हें वह थैला मिला था तो उसे वहां कोई संत नहीं मिला बल्कि उस जगह पर एक गुफा मिली जिसमें बर्फ के शिवलिंग विराजमान थे। कहते हैं कि तभी से अमरनाथ की यात्रा शुरू हुई।

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-एजेंसी