इस्लाम को भारत में कोई ख़तरा नहीं, लेकिन उसे “हम सर्वोच्च हैं” का भाव छोड़ना होगा: संघ प्रमुख

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आरएसएस से जुड़ी मैगज़ीन ‘पांचजन्य’ और ‘आर्गनाइज़र’ को दिए इंटरव्यू में सरसंघचालक भागवत ने एलजीबीटी समुदाय का भी समर्थन किया और कहा कि उनकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भागवत ने कहा, “हिंदू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने, साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति है. हिंदुस्थान, हिंदुस्थान बना रहे, सीधी सी बात है. इससे आज भारत में जो मुसलमान हैं उन्हें कोई नुक़सान नहीं है. वह हैं. रहना चाहते हैं, रहें. पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं. उनके मन पर है.”

भागवत ने कहा, “इस्लाम को कोई ख़तरा नहीं है, लेकिन मुसलमानों को हम बड़े हैं, हम एक समय राजा थे, हम फिर से राजा बने…ये (भाव) छोड़ना पड़ेगा और किसी को भी छोड़ना पड़ेगा. ऐसा सोचने वाला हिंदू है तो उसे भी (ये भाव) छोड़ना पड़ेगा, कम्युनिस्ट है, उनको भी छोड़ना पड़ेगा.”

वहीं, जनसंख्या नीति को लेकर भागवत ने कहा, “जनसंख्या एक बोझ भी है और एक उपयोगी चीज़ भी है, ऐसे में दूरगामी और गहरी सोच से एक नीति बननी चाहिए. ये नीति सभी पर समान रूप से लागू होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए ज़बर्दस्ती से काम नहीं चलेगा. इसके लिए शिक्षित करना पड़ेगा.”

Compiled: up18 News