जापान में मास्क की आदत ने खड़ी की मुश्किलें, अब चलाया जा रहा है Smile Please अभ‍ियान, फीस 4500 येन

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दरअसल कोरोना काल में जापानियों ने मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन किया. कोविड काल के दौरान जापानियों ने इतने लंबे समय तक मास्क पहना कि वे स्माइल करना ही भूल गए हैं. हालांकि इससे पहले भी खुद को बीमारियों से बचाने के लिए वे मास्क पहनते रहे हैं. छात्र अपनी परीक्षा या किसी अहम दिन से पहले बीमार न पड़ जाएं, वे मास्क का इस्तेमाल करते हैं. इसके साइड इफेक्ट यह देखने को मिले कि अब उन्हें स्माइल करना सीखने के लिए क्लासेज लेनी पड़ रही हैं.

हाथ में आइना और स्माइल की कोशिश

टोक्यो आर्ट स्कूल के दर्जनों छात्र-छात्राएं हाथ में आइना लिए मुस्कुराना सीख रहे हैं. अपनी उंगलियों से गालों से चेहरे को खींचते हुए ये लोग मुस्कुराने की प्रेक्टिस करने में लगे हैं. ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि स्माइल करने के लिए आपको पैसा देना पड़े. लेकिन स्माइल कोच किको कवानो की क्लास अटेंड करने के लिए लोग फीस दे रहे हैं.

मास्क की आदत ने खड़ी की मुश्किलें

जापानी लोगों को मास्क पहनने की ऐसी आदत हो चुकी है कि सरकार ने इसमें ढील दे दी है, उसके बावजूद भी वे इसे पहनते हैं. फरवरी में हुए एक सर्वे के मुताबिक प्रतिबंध हटने के बाद भी महज 8 फीसदी जापानियों ने ही मास्क पहनना छोड़ा है. मास्क पहनने की वजह से बीते तीन साल में अधिकतर जापानी लोगों के सामने अब यह समस्या खड़ी हो गई है कि वे पब्लिक लाइफ में बिना मास्क के कैसे जाएं.

मास्क पहनने की ऐसी आदत पड़ी कि उन्होंने मुस्कुराना ही छोड़ दिया. ऐसी ही क्लास लेने वाली एक 20 साल की छात्रा कहती हैं कि उन्होंने लंबे समय से अपने चेहरे की मांसपेशियों का इस्तेमाल नहीं किया है, तो यह एक अच्छी एक्सरसाइज है. मास्क पहनने की वजह से लोगों को मुस्कुराने की ज्यादा जरूरत महसूस नहीं हुई और अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

रेडियो होस्ट ने शुरू की स्माइल कंपनी

किको कवानो एक रेडियो होस्ट रह चुकी हैं और साल 2017 में उन्होंने स्माइल कंपनी की शुरुआत की थी. हालांकि कोविड काल में उन्हें ज्यादा लोकप्रियता मिली. वह लोगों को मुस्कुराना सिखाती हैं और बताती हैं कि इसके क्या-क्या फायदे हैं. वह कहती हैं कि लोग जिम जाकर अपनी शरीर की मांसपेशियों को तो मजबूत करते हैं, लेकिन चेहरे को भूल जाते हैं.

– एजेंसी