मथुरा। महाशिव रात्रि पर्व पर आज मंगलवार को दोपहर 2 बजे से श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान द्वारा भोले बाबा की अनूठी व भव्य बारात नगर में आकर्षक झॉंकियों के साथ निकाली गयी।
श्रीकृष्ण-जन्मस्थान से नगर में निकलने वाली परंपरागत शिव बारात में श्रद्धा और आकर्षण के केन्द्र रहे भैरों बाबा, माँ चण्डी देवी एवं भगवान ब्रह्मा-विष्णु, नन्दी-अघोरी झॉंकी, काली झॉंकी सहित अनेक देवताओं के सानिध्य में निकली इस बारात के मुख्य आकर्षण नन्दी पर विराजमान औघड़दानी भगवान शिव तो थे ही उनके आगे एवं साथ में नृत्य करते चल रहे विचित्र वेशभूषा में उनके गण भी रहे।
ढोल की ध्वनि जो सूचक थी भगवान शिव की बारात आगमन की, उसे सुनकर संपूर्ण यात्रा मार्ग पर लोगों की कतारें लग गयीं। घरों की छतों एवं झरोखों से भी लोग भोले की इस अनूठी बारात को निहार कर उत्साहित हो रहे थे। धन्य मान रहे थे अपने प्रारव्ध को, कि पुराण प्रसिद्ध स्मृति मात्र से ही सभी विलक्षण एवं अलौकिक फलों को देने वाली इस दुर्लभ शिव बारात के अनूठे दर्शन आज कर रहे हैं। जहाँ बच्चे, युवा बारात के साथ भक्ति से ओत-प्रोत एवं शिवगणों की ताल में ताल मिलाकर नृत्य करते हुये चल रहे थे, वहीं बुजुर्ग एवं महिलायें बड़े ही कौतूहल एवं श्रद्धाभाव से इस बारात को निहार रहे थे। सभी के मन में प्रसन्नता थी। जहॉं से भगवान शिव की बारात निकली वहीं से वृहद मात्रा में पुष्पवर्ष हो रही थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इन्द्र मेघ बूंदों के स्थान पर पुष्पवर्षा कर रहे हों। बारात में सहभागिता करने के लिए ब्रज के शिवभक्त तो भाव से जुड़े ही थे मेरठ, हापुड़, चन्दौसी, कासगंज, एवं एटा आदि के शिवभक्त कलाकार भक्ति भाव से ओत-प्रोत होकर भोले बाबा की बारात को दिव्य से दिव्यतम बनाने के लिए जुटे हुये थे।
बारात में सर्वप्रथम जन्मस्थान का ध्वज लेकर चल रहे संस्थानकर्मी, ढोल, आदि अनेक नृत्य मण्डली एवं विभिन्न झॉंकियॉं चल रहीं थीं। नृत्य करते शिवभक्त एवं भगवान शिव के गण, भक्तों में श्रद्धा के साथ-साथ भाव मिश्रित उत्कंठा भी पैदा कर रहे थे।
जन्मस्थान पर भगवान शिव की बारात प्रारम्भ से पूर्व औघड़दानी भगवान शिव की आरती श्रीकृष्ण-जन्मस्थान संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी द्वारा की गयी।
भगवान शिव की बारात में मुख्य रूप से संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, संयुक्त मुख्य अधिशाषी राजीव श्रीवास्तव, उप मुख्य अधिशाषी अनुराग पाठक, ओएसडी विजय बहादुर, गिर्राज शरण, अनिल अग्रवाल, अतुल शोरावाला, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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