कश्मीरी पंडितों के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीट आरक्षित करने की मांग उठी

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भारतीय जनता पार्टी के सुशील कुमार मोदी ने शून्यकाल के तहत उच्च सदन में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 1989 में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के कारण कश्मीर से लाखों कश्मीरी हिंदुओं को, खासकर कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि नरसंहार और बलात्कार के दौर से गुजरने के बाद वह तीन दशक से ज्यादा समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए हैं।

मोदी ने कहा कि परिसीमन आयोग ने ऐसे कश्मीरी पंडितों के लिए राज्य विधानसभा में कम से कम दो सीटों का प्रावधान किए जाने की सिफारिश की है। साथ ही आयोग ने कहा कि उन्हें वैसे ही अधिकार दिए जाएं जो पुडुचेरी विधानसभा में मनोनीत होने वाले सदस्यों को दिया गया है।

भाजपा सदस्य ने कहा कि परिसीमन आयोग ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापितों के लिए भी एक सीट आरक्षित करने का प्रावधान किए जाने की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके माध्यम से भारत सरकार से आग्रह करूंगा की परिसीमन आयोग ने कश्मीरी पंडितों और विस्थापितों को विधानसभा में मनोनीत करने की जो सिफारिश की है, वह उसे लागू करने का प्रयास करें।’’

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन कर आरक्षण के प्रावधानों को लागू करें ताकि जब भी वहां विधानसभा का गठन हो, कश्मीरी पंडितों और विस्थापितों को इसका लाभ मिल सके।

-Compiled by up18 News