बड़ा सवाल जिसका जवाब सभी खोज रहे है: अडानी को कौन बचा रहा है ?

अन्तर्द्वन्द

यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब सभी खोज रहे है यूरोपिय और अमेरिकी उद्योगपति/वित्तीय संस्थान तो अडानी के लिए थंब डाउन कर चुके हैं चीनियों की तो खुद की हालत खराब है !…. भारत वाले निजी रिटेल इन्वेस्टर्स को तो अडानी की हकीकत मालूम ही है इसलिए उन्होंने उसका FPO ही सब्सक्राइब नही किया !……तो फिर कौन है जिसके दर पर जाकर अडानी माथा टेक रहे हैं

अडानी दुनिया के सबसे धनी परिवार के यानी यूएई के शाही परिवार की शरण में है

पिछले एक डेढ़ हफ्ते गौतम अडानी, ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह समेत उनकी पूरी टीम अबू धाबी में है फंड जुटाने के लिए अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज या समूह की अन्य कंपनी में कैपिटल इंफ्यूजन के लिए अबू धाबी की इंटरनेशनल हॉल्डिंग कॉप्स IHC के साथ बात चल रही है।

मदद के बदले में दुबई के शेख मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा अडानी के देश भर फैले हुए पोर्ट में और सीमेंट बिजनेस में हिस्सेदारी मांग रहे हैं

आपको याद दिला दू कि कुछ हफ्ते पहले जब अडानी ने अपने FPO को लेकर आए थे तो हिंडनबर्ग खुलासे के कारण उनके शेयर कोई नही खरीद रहा था रिटेल कैटेगरी में सिर्फ 12 परसेंट कोटा ही सब्सक्राइब हुआ था

FPO की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अबू धाबी की इस कंपनी ने अडानी के FPO में 3600 करोड़ का निवेश कर बाजी पलटने का प्रयास किया अंतिम दिन अडानी समुह ने घोषणा की कि उनका FPO पूरी तरह से सबस्क्राइब हो गया है, जिसे बाद में अडानी ने खुद ही वापस ले लिया

तब भी सवाल उठे थे कि आखिर IHC ने एफपीओ में पैसे क्यों लगाए? क्योंकि बाजार में तो एफपीओ से भी सस्ते भाव में शेयर मिल रहे थे.

इससे पहले साल 2022 में आईएचसी ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों में 2 अरब डॉलर का निवेश किया था। शेख को खुश करने के लिए अडानी ग्रुप की अडानी स्पोर्ट्सलाइन कंपनी यूएई टी20 लीग में भाग लेने का फैसला किया था

एक मजे की बात और जान लीजिए कि देश भर में जो लुलु मॉल खुलने जा रहे है उसके पीछे भी यूएई के शाही परिवार का पैसा लगा हुआ है शेख तहनून बिन जायद अल नहयान के अबू धाबी की एक निवेश फर्म ने लुलु हाइपरमार्केट्स की होल्डिंग कंपनी लुलु ग्रुप इंटरनेशनल में लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7,600 करोड़ रुपये) का निवेश किया है

फ़ाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़, तीन साल पहले तक इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी का नाम ज़्यादा लोगों ने नहीं सुना था.फ़ाइनेंशियल टाइम्स के साथ बातचीत में खाड़ी देशों में काम करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय बैंकर ने कहा है कि किसी को नहीं पता है कि ये कंपनी इतनी तेज़ी से कैसे बढ़ी.बाज़ार पूंजी के मामले में ये कंपनी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों सीमंस और जनरल इलेक्ट्रिक से ज़्यादा हो गया है.

इस कंपनी के शेयर मूल्यों में साल 2019 से अब तक 42000 फीसद की वृद्धि दर्ज की गयी है.आज मध्य पूर्व में ये कंपनी सिर्फ़ सऊदी अरब की शाही तेल कंपनी अरामको से पीछे है.

अबू धाबी की इंटरनेशनल हॉल्डिंग कॉप्स के बारे में जब बीबीसी ने अपने एक लेख में उपरोक्त बाते लिखी तो उसके बाद ही बीबीसी पर छापा डाल दिया गया

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी निजी इक्विटी अरबपति टॉम बैरक ने अदालत की गवाही के दौरान कहा था कि उन्होंने कई बार गोतम अडानी को यूएई के शाही परिवार के सदस्य शेख तहनून के साथ बैठे हुए देखा है

साभार: गिरीश मालवीय जी की fb पोस्ट से