उपेंद्र कुशवाहा का जनता दल युनाइटेड (JDU) से नाता टूट चुका है। समर्थकों के साथ दो दिनों की बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा की ओर से नई पार्टी बनाने का विधेयक पास किया गया। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी पुष्टि कर दी है कि उपेंद्र कुशवाहा का जेडीयू से कोई नाता नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि जिन उद्देश्यों को लेकर वह जेडीयू में आए थे, वह पूरा नहीं हो पाया। उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश पर अनदेखी का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जेडीयू में जो भी लोग घुटन महशूस कर रहे हैं उनका नई पार्टी में स्वागत है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में आज से नई राजनीतिक पारी की शुरुआत हो रही है। जेडीयू के तमाम साथी, बड़े नेता हों या साधारण कार्यकर्ता, दो चार अपवादों को छोड़कर सारे साथी चिंता व्यक्त कर रहे थे। हम लगातार परेशानी बता रहे थे। एक क्रॉस कास्ट लाइन सबने चिंता व्यक्त किया। हमने अपने साथी लोगों से विमर्श किया, जिसमें तय हुआ कि पार्टी के वैसे साथियों को बुलाया जाए जो चिंतित हैं। दो दिनों के विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है। लगभग दो साल पहले हम जेडीयू में आए। तब एक विशेष परिस्थिति राज्य में थी। नीतीश कुमार के ऊपर जिस विरासत को संभालने की जिम्मेवारी बिहार की जनता ने 2005 में मुकम्मल तौर पर दी, उसके पहले कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद जननायक की वह विरासत लालू यादव को दी थी। लालू यादव को समर्थन मिला, जनता ने उन्हें अकूत ताकत भी दी। सत्ता में आने के बाद कुछ दिनों तक लालू यादव ने जनता की भावनाओं का ख्याल रखा, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनमें भटकाव आय गया।
Compiled: up18 News