क्या आप भी ऐसा ही समाज चाहते हैं जहां आपका बेटा किसी दिन घर से बाहर जाए और उसे जिंदा जला दिया जाए?

अन्तर्द्वन्द

क्या आप भी ऐसा ही समाज चाहते हैं जहां आपका बेटा किसी दिन घर से बाहर जाए और उसे जिंदा जला दिया जाए?

आज यह किसी मुसलमान के साथ हुआ तो कल आपके होना तय है। पहले मियां भाई के घर पर बुल्डोजर चल रहा था, अब वही बुलडोजर कानपुर के पंडित जी के यहां भी पहुंचा और दो महिलाएं जिंदा जल गईं। हम सब एक रक्तपिपासु समाज बना रहे हैं जहां ​किसी व्यक्ति को जिंदा जला देना सामान्य बात है।

बंद कर दो अदालतें, बंद कर दो पुलिस विभाग, बंद कर दो न्याय विभाग, खत्म कर दो संविधान, सब गुंडों के हाथ में सौंप दो। कानपुर में दीक्षित ​परिवार के साथ खुद प्रशासन की मौजूदगी में क्रूरता हुई और दो महिलाएं जिंदा जल मरीं। अब हरियाणा के भिवानी में में दो भाइयों को जिंदा जला दिया गया और पुलिस की मौजूदगी वहां भी है। अब रक्षक ही राक्षस हो गए हैं! हम सब कहां जाएंगे?

राजस्थान के भरतपुर से दो भाई जुनैद और नासिर अपनी भिवानी में अपने रिश्तेदार के यहां थे। लौटते हुए रास्ते में गोतस्कर होने के शक में उनकी बोलेरो को बजरंग दल वालों ने रुकवाया। दोनों को गाड़ी से बाहर खींच कर पूछताछ की। बाद में उनकी गाड़ी वहां से काफी दूर जली हुई मिली जिसे दोनों भाइयों समेत जला दिया गया।

खबरों में कई तरह की कहानियां हैं। एक कहानी कहती है कि उन्हें बजरंग दल वालों ने पीटा, पीटकर पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने घायल अवस्था में उनकी कस्टडी लेने से मना कर दिया। कुछ रिपोर्ट कह रही हैं कि पुलिस ने पकड़कर दोनों को बजरंग दल के हवाले कर दिया। पुलिस कह रही है कि उसका कोई लेना देना नहीं है। कानून व्यवस्था से पुलिस का कोई लेना देना नहीं होता? कोई कहीं भी किसी को जिंदा जला दे, इससे पुलिस का लेना देना नहीं होता?

जो व्यक्ति का मुख्य आरोपी है, वह इस तरह के कई कांड कर चुका है। उसकी बड़े बड़े नेताओं के साथ फोटो मौजूद है। वह इस तरह के कई मामलों का आरोपी है। उसे हरियाणा और राजस्थान की पुलिस ढूंढ रही है लेकिन वह लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा है। क्या सच में उसे पुलिस ढूंढ रही है? उसके समर्थन में धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। जो जिंदा जला दिया गया, उसे अपराधी बताया जा रहा है, जिसपर जलाने का आरोप है, उसे निर्दोष बताने का अभियान चल रहा है।

वे दोनों भाई कैसे जले? क्या अपने आप? कोई तो होगा? पुलिस असहाय है। यह अंधयुग हत्यारों का युग है। हत्यारे बेखौफ हैं। उन्हें समाज का भी समर्थन है। मुर्दे दोषी हैं और हत्यारे आबाद हैं। यह कैसा समाज हम बना रहे हैं? दुनिया में कहीं भी ऐसे समाज की रत्ती भर प्रतिष्ठा है? ऐसा समाज पूरी दुनिया में सबसे घिनौना समाज होता है जहां कोई भी जिंदा जला दिया जाए और कानून असहाय बनकर देखता रहे।

अगर हरियाणा और राजस्थान के गृहमंत्रालय इतने निकम्मे हैं, अगर देश का केंद्रीय गृह मंत्रालय इन हत्यारे गोरक्षकों के आगे इतना असहाय है, अगर इस देश की सुरक्षा व्यवस्था इतनी निकृष्ट है तो सारे नेताओं को तुरंत इस्तीफा देकर यह देश गोरक्षक गुंडों के हाथ सौंप देना चाहिए। अब इस देश को आतंकवादी, लफंगे, गुंडे और हत्यारे चलाएं।

ये लोग जिस उन्मादी समाज का निर्माण कर रहे हैं, वह एक दिन सबको जला देगा। कानपुर के ब्राह्मण हों या भिवानी के मुसलमान, इस उन्माद की आग में सब जलेंगे। यह सब बहुत बुरा है।

-कृष्ण कांत जी