अनंत चतुर्दशी का अध्यात्म शास्त्रीय महत्व

पूर्व का वैभव प्राप्त करने के लिए श्री विष्णु देवता का अनुसरण कर किये जाने वाले इस व्रत में शेष नाग और यमुना जी का भी पूजन किया जाता है। किसी के द्वारा बताए जाने पर या अनंत का धागा प्राप्त होने पर किए जाने वाले इस व्रत के विषय में अध्यात्म शास्त्रीय जानकारी इस […]

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ऋषि पंचमी: अनंत उपकार करने वाले ऋषियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन

ऋषि अथवा मुनि, कहने पर हमारे हाथ अपने आप ही जुड़ जाते हैं और हमारा मस्तक आदर से झुक जाता है, इस भरतखंड में अनेक ऋषियों ने विभिन्न योग मार्ग के अनुसार साधना करके भारत को तपोभूमि बनाया है, उन्होंने धर्म और अध्यात्म विषय पर बहुत लिखा है और समाज में धर्माचरण और साधना इसका […]

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शास्त्रानुसार गणेशोत्सव कैसे मनाएं ?

गणेश जी की तरंगें जिस दिन प्रथम पृथ्वी पर आई, अर्थात जिस दिन गणेश जन्म हुआ, वह दिन था माघ शुक्ल चतुर्थी । तब से भगवान श्री गणपति का और चतुर्थी का संबंध जोड़ दिया गया । माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी ‘श्री गणेश जयंती’ के रूप में मनाई जाती है । इस तिथि की विशेषता […]

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आध्यात्मिक महत्व व पूजन विधि

पूर्णावतार भगवान श्री कृष्ण ने श्रावण कृष्ण पक्ष अष्टमी को पृथ्वी पर जन्म लिया। उन्होंने बाल्यकाल से ही अपने असाधारण क्रियाकलापों के द्वारा भक्तों के संकट दूर किए। हर वर्ष भारत में मंदिरों, धार्मिक संस्थानों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाता है। यह उत्सव प्रत्येक प्रांत में अलग-अलग पद्धति से […]

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रक्षाबंधन त्यौहार को आध्यात्मिक दृष्टि से मनाने का महत्व

श्रावण पूर्णिमा में आने वाले रक्षाबंधन त्यौहार के दिन बहन अपने भाई की आरती उतार कर उसको प्रेम स्वरूप राखी बांधती है। भाई अपनी बहन को भेंट स्वरूप आशीर्वाद देता है। सहस्रों वर्षों से चले आ रहे इस रक्षाबंधन के त्यौहार के पीछे का इतिहास, शास्त्र, रक्षाबंधन मनाने की पद्धति और इस त्यौहार का महत्व […]

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श्रीलंका संकट: क्या इस सबसे भारत भी बहुत-कुछ सीख सकता है?

श्रीलंका भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहां के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आर्थिक आपातकाल घोषित किया है। जनता को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर ही खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध कराने का अधिकार सेना को दिया गया है। आज श्रीलंका में दाल, चावल का भाव 200 से 250 रुपये प्रति किलो है। प्रमुख […]

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आधी हकीकत आधा फसाना: क्या कलियुग में हनुमानजी का निवास गंधमादन पर्वत पर है?

हनुमानजी सप्तचिरंजीवों में से एक हैं। अर्थात सदैव जीवित रहने वाले। हनुमानजी ने त्रेतायुग में श्रीरामजी की अवतार समाप्ति के उपरांत भी द्वापार युग में महाभारत के युद्ध में सहभाग लिया था  उसके उपरांत कलियुग में संत तुलसीदासजी तथा समर्थ रामदास जी, इन संतों ने हनुमानजी के दर्शन किए हैं, ऐसा उल्लेख मिलता है। श्रीमद्भागवत […]

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श्री रामनवमी का व्रत करने से सभी व्रतों का होता है फल प्राप्त

‘चैत्र शुक्ल नवमी को ‘श्रीरामनवमी’ कहते हैं । श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी (इस वर्ष 10 अप्रैल) मनाई जाती है । इस दिन जब पुष्य नक्षत्र पर, मध्यान्ह के समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ । अनेक राम मंदिरों में चैत्र शुक्ल पक्ष […]

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होली के त्योहार का महत्त्व और उसे मनाने की शास्त्रीय पद्धति

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन आने वाली होली का त्योहार संपूर्ण देश में बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। दुष्ट प्रवृत्तियों और अमंगल विचारों का नाश कर सत् प्रवृत्ति का मार्ग दिखाने वाला उत्सव है होली! होली मनाने के पीछे अग्नि में वृक्ष रूपी समिधा अर्पण कर उसके द्वारा वातावरण की शुद्धि करने का उत्तम […]

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महाशिवरात्रि का महत्त्व एवं शिवजी का अभिषेक करने का शास्त्राधार

पृथ्वी का एक वर्ष स्वर्गलोक का एक दिन होता है । पृथ्वी स्थूल है । स्थूल की गति कम होती है अर्थात स्थूल को ब्रह्मांड में यात्रा करने के लिए अधिक समय लगता है । देवता सूक्ष्म होते हैं एवं उनकी गति भी अधिक होती है । इसलिए उन्हें ब्रह्मांड में यात्रा करने के लिए […]

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