खांचों में बंटे मीडियार्मियों के लिए भी आत्‍मचिंतन का समय है अर्नब गोस्‍वामी की गिरफ्तारी

रिपब्‍लिक टीवी चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्‍वामी की गिरफ्तारी सत्ता की ताबेदारी का निकृष्‍टतम उदाहरण है। हालांकि इसमें नया कुछ भी नहीं है, फिर भी तरीका बहुत ओछा है।बेशक अर्नब की एंकरिंग को नापसंद किए जाने के बहुत से कारण हो सकते हैं और उनकी कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाए जाते हैं […]

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