श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर राममय हुई श्रीकृष्ण जन्मभूमि

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आज सोमवार की प्रातः मंगला आरती से ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर विराजमान भगवान श्रीकेशवदेव जी महाराज के श्रीरामरूप में एवं भागवत भवन स्थित श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के श्रीसियाराम रूप में दर्शन हुए।

भगवान श्रीकेशवदेवजी महाराज एवं श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के रामरूप में विषिश्ट श्रृंगार, पोशाक अद्भुत एवं आकर्षक थी। इस विश‍िष्ट अवसर पर श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के मंदिरों के आन्तरिक भाग को पत्र, पुष्प एवं अन्य परंपरागत दिव्य सामग्री से सुसज्जित किया गया। संपूर्ण परिसर में चारों ओर केसरिया ध्वज-पताकाऐं लगाई गईं। भागवत-भवन, श्रीगर्भ-गृहजी, श्रीकेशवदेवजी महाराज के मंदिर सहित संपूर्ण जन्मस्थान प्रांगण एवं परिसर में भव्य व दिव्य विद्युत सज्जा से सुसज्जित किया गया।

श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पर इस दिव्य महोत्सव का प्रारम्भ प्रातः 9 बजे यज्ञशाला में मंदिर के पूजाचार्यों द्वारा हवन-पूजन से किया गया तदोपरान्त प्रातः 11.15 बजे से पुष्प सहस्त्रार्चन, दोहपर 12.15 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक ठाकुरजी की विशेष महाआरती की गयी।  इसके पश्चात लीलामांच पर दोपहर 2 बजे से सांय 5 बजे तक ब्रज के सुविख्यात भजन गायक श्री जगदीश ब्रजवासी एवं उनकी मण्डली ने रामधुन के मंगल भजन श्रवण कराते हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।  इस अवसर पर दर्शनार्थ पधारे भक्तों को प्रातः 9 बजे से सायं तक खीर, हलुआ, पूड़ी प्रसाद का वितरण किया गया।

सांयकाल 5.30 बजे से संपूर्ण जन्मभूमि प्रांगण में विशाल दीपदान को भव्य और दिव्य बनाने के लिए  श्रीकेशवदेवजी मंदिर, श्रीगिरिराज जी मंदिर एवं लीलामंच प्रांगण में भव्य रंगोली बनायी गयीं। लीलामंच प्रांगण में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की छवि पुष्प, रंग आदि सामग्री से उत्कीर्ण करके, श्रीराम मंदिर की छवि के समक्ष वृहद मात्रा में दीप प्रज्वलित किये। ऐसे अद्भुत दीपोत्सव के दर्शन करते समय श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के दिव्य आगमन स्वरूप दीपावली के आयोजन में सम्मिलित होने की अनुभूति हुई।

श्री अयोध्या धाम में आयोजित होने वाले श्रीरामलला के दिव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दर्षन का सौभाग्य श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पर प्राप्त कराने हेतु लीलामंच पर विशाल स्क्रीन लगाई गई, जिसके माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने हेतु देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं ने श्रीअयोध्या धाम में आयोजित इस ऐतिहासिक महोत्सव का सीधा प्रसारण देखा।

ज्ञातव्य हो कि दिनांक 14 जनवरी से 22 जनवरी 2024 तक श्रीरामचरित मानस का नवान्ह पारायण पाठक का आयोजन किया गया एवं मकर संक्रान्ति पर (15 जनवरी) एक सुसज्जित रथ (वाहन) में श्रीरामलला के भोग के लिए लड्डू गोपाल की जन्मभूमि से विश‍िष्ट मेवा, केसर एवं ऋतु के अनुकूल सामग्री से निर्मित दिव्य लड्डुओं का भोग श्रीअयोध्या धाम भेजा गया था।

इस परमपुनीत दिवस पर बैण्ड की ध्वनि, ‘जयश्रीराम’ के जयघोष एवं शंख, घण्टे-घड़ियाल, मृदंग आदि की दिव्य ध्वनि से संपूर्ण श्रीकृष्ण-जन्मस्थान परिसर राममय हो गया।


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