राजस्‍थान: जब मुख्यमंत्री गहलोत पढ़ने लगे पुराने बजट भाषण की प्रतियां…

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क्यों एक तस्वीर बन गई मजाक?

हुआ यूं कि मुख्यमंत्री के ब्रीफकेस में पुराने बजट भाषण की प्रतियां निकल आईं। गहलोत जैसे ही बजट बढ़ने लगे तो पिछले साल की घोषणाएं करने लगे। 5-6 पुरानी घोषणाएं उन्होंने भी कर दी। इसी दौरान मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गहलोत के कान में कुछ कहा तो सीएम बजट के पन्ने पलटने लग गए। बस फिर क्या था इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। और इस तरह से सीएम गहलोत के ब्रीफकेस के साथ सामने आई ये तस्वीर मजाक बन गई।

हंगामा पर स्पीकर ने संभाला मोर्चा

विपक्ष की ओर से सदन में जोरदार हंगामा किया तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि यह मानवीय भूल है। ऐसी गलती किसी से भी हो सकती है। जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन जो हुआ, उसे भुला दीजिए। स्पीकर ने कहा कि सुबह 11 बजे से लेकर 11 बजकर 42 मिनट तक जो भी हुआ, उसे सदन की कार्यवाही से निरस्त किया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फिर से बजट भाषण पढ़ने के लिए कहा लेकिन विपक्ष के सभी सदस्य वेल में आ गए और लगातार हंगामा करते रहे। विपक्ष ने इसे विधानसभा के इतिहास का काला दिन बताया। स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की ओर से बार-बार आग्रह के बावजूद विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्रवाई को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

विपक्ष ने की मांग: सीएम गहलोत मांगें माफी

आधे घंटे बाद जब विधानसभा की कार्रवाई फिर से शुरू हुई तो भी विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जो हुआ वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को माफी मांगनी चाहिए। साथ ही विपक्ष ने यह भी मांग की थी कि जो हुआ, उस घटना को विधानसभा के रिकॉर्ड से डिलीट नहीं किया जाए। विपक्ष के सदस्यों ने यह भी मांग की कि आज बजट को पेश नहीं किया जाए। दोबारा से राज्यपाल की अनुमति लेकर नया दिन और समय तय करें। उसके बाद बजट पेश करें।

फिर मुख्यमंत्री को देनी पड़ी सफाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनके पास जो बजट की प्रति है। वह इसी साल के बजट की है। सदन के सभी सदस्यों को बजट की जो प्रति दी जाएगी, वह भी नए बजट की प्रति दी जाएगी। गलती से एक दो कागज पुराने लग गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलती हुई उसके लिए मैं सॉरी फील कर चुका हूं। विपक्ष की ओर से बजट पेश करने के लिए राज्यपाल की ओर से नया समय लेने की अनुमति की मांग की गई। फिर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राज्यपाल बजट का दिन तय करते हैं, समय नहीं। दिन 10 फरवरी का तय है। ऐसे में नियमानुसार बजट पेश किया जा सकता है।

Compiled: up18 News